राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
एएनसी जांच के साथ परिवार नियोजन संबंधी सेवाओं के प्रति गर्भवती महिलाओं को किया गया जागरूक।
समुदाय स्तर पर परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता और स्वीकार्यता बढ़ाने का प्रयास।
जिले के सभी चिकित्सा संस्थानों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) और परिवार नियोजन दिवस का आयोजन एक साथ किया गया। इस आयोजन के तहत गर्भवती महिलाओं की एएनसी (एंटी-नेटल चेकअप) जांच की गई और उन्हें आवश्यक देखभाल संबंधी सेवाएं प्रदान की गईं। साथ ही, सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए उच्च जोखिम वाले गर्भावस्था के मामलों की पहचान की गई। अस्पताल में जांच के लिए आने वाली योग्य महिलाओं को स्वास्थ्यकर्मियों ने परिवार का आकार छोटा रखने, बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर रखने, और परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी विकल्पों के बारे में जानकारी दी। उन्हें इन सेवाओं के उपयोग के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया गया।
स्वस्थ मां ही दे सकती है सेहतमंद बच्चे को जन्म
महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि स्वस्थ मां ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है। इसलिए, एक स्वस्थ और सेहतमंद बच्चे के लिए गर्भवती महिला का स्वस्थ होना आवश्यक है। इसके लिए गर्भावस्था के दौरान कम से कम चार एएनसी जांच जरूरी है, ताकि गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं और संभावित संक्रमण के खतरों से बचाव करते हुए जच्चा-बच्चा के समुचित स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा सके और सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा दिया जा सके। उन्होंने बताया कि मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के लिए बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर होना भी आवश्यक है, ताकि उनके पोषण और स्वास्थ्य संबंधी देखभाल को बेहतर ढंग से सुनिश्चित किया जा सके। इसीलिए, छोटा और सीमित परिवार होना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सुरक्षित मातृत्व और सुखद परिवार को बढ़ावा देना उद्देश्य
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व और जनसंख्या स्थिरीकरण को बढ़ावा देने के लिए समुदाय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में हर महीने स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) और परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाता है। सुरक्षित मातृत्व के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं की जरूरी जांच और दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं। इसके साथ ही, योग्य दंपत्तियों को परिवार नियोजन सेवाओं के स्थायी और अस्थायी विकल्पों तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है।
सामुदायिक स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए निरंतर प्रयास
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि गर्भावस्था के उच्च जोखिम वाले मामलों की पहचान करना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) का मुख्य उद्देश्य है, ताकि सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा दिया जा सके। इसी प्रकार, परिवार नियोजन सेवाओं को सुलभ बनाकर जनसंख्या स्थिरीकरण, अनचाहे गर्भ से बचाव, और मातृ-शिशु मृत्यु दर को नियंत्रित किया जा सकता है। नियोजन सेवाओं की आसान पहुंच से असुरक्षित गर्भपात के मामलों में भी कमी लाई जा सकती है। डॉ. उर्मिला कुमारी ने कहा कि पीएमएसएमए अभियान मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने, सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने, और एचआईवी सहित अन्य संक्रमणों के प्रसार को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।