सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज खाद्य पदार्थों में मिलावट रोकने के लिए सरकार ने खाद्य सुरक्षा कानून लागू किया है, लेकिन आज भी खाद्य पदार्थों में शुद्धता नहीं है, यही वजह है कि आज भी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदूषित पैक खाद्य सामग्री, बड़े पैमाने पर बिक रही हैं।ताजा मामला किशनगंज जिले का है, जहां एक बड़े व्यापारी द्वारा फूड सेफ्टी एक्ट के नियमों को अनदेखा करके बिना बैच नम्बर, मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट लिखे खाद्य पदार्थो को बंगाल से मंगवाकर, स्थानीय दुकानदारों को सप्लाई किया जा रहा है , दुकानदार भी ऐसे खाद्य पदार्थों को बेचकर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे है। वही संबंधित विभाग भी कुम्भकर्णी निद्रा में सोयी हुई हैं , जबकि एसडीएम संबंधित व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रहे है। गौरतलब है कि किशनगंज के बाजारों में खुलेआम बिक रहा है, डब्बे में बंद जहर वाला केक और बिस्कुट। इस बंद पैकेट में मिलने वाली अधिकांश खाद्य सामग्री पर न तो निर्माता का नाम और पता है और ना निर्माण करने की तिथि और न ही अवसान (एक्सपायरी) तिथि अंकित है, फिर भी धड़ल्ले से इनकी बिक्री की जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है, कि ऐसे खाद्य पदार्थो पर अभिलंब प्रशासन द्वारा प्रतिबंध लगनी चाहिए ताकि लोगों के स्वस्थ्य के साथ खिलवाड़ ना हो। उधर दुकानदारों का भी कहना है कि इस तरह का खाद्य पदार्थ हमलोगों को डिस्ट्रीब्यूटर के द्वारा सप्लाई किया जाता है, जिसका बिल भी कच्चे में दिया जाता है। अधिकांश बच्चे इन पैक खाद्य पदार्थों को बड़े ही रोचक तरीके से खाते हैं, स्नैक्स और केक बनाने वाले बंगाल के व्यापारी पैक बंद उत्पाद खासकर बच्चों के लिए तैयार कर रहे हैं तथा ऐसे अमानक उत्पादों को धड़ल्ले से किशनगंज के बाजारों में बेचा जा रहा है, इस हाल में बिना नियम कानून के बेची जा रही खाद्य सामग्री न केवल बच्चों की सेहत बिगाड़ सकती है, बल्कि जानलेवा भी हो सकती है।
डब्बे में बंद जहर बेचने वाले डिस्ट्रीब्यूटर से संपर्क किया गया तो पहले तो उन्होंने कैमरे पर ही अटैक कर कैमरा बंद करने की कोशिश की और बाद में बताया कि लोकल कंपनी का माल है इसलिए इसपर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपाइरी डेट अंकित नही रहता है। जब उनसे कंपनी का बैच नम्बर, जीएसटी और बिल के बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस प्रकार के खाद्य सामग्री का किसी प्रकार का बिल नहीं दिया जाता है। उधर सिविल सर्जन ने कहा कि किसी भी खाद्य पदार्थों को बगौर जांच पड़ताल के खाये जाने पर शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है, लोगों की जान तक जा सकती है।
हम आपको बताते चले कि यदि किसी खाद्य सामग्री के पैकेट पर एक्सपायरी डेट अंकित नहीं है, इसके अलावा पैकिंग का तरीका असुरक्षित है तथा बैज नंबर व पता भी उल्लेखित नहीं है तो इसे न केवल घोर लापरवाही मानी जाएगी, बल्कि नियमों का पालन नहीं करने वाले दुकानदार व कंपनी के खिलाफ जुर्माना करने का प्रावधान है। जब मामले को लेकर एसडीएम से पूछा गया तो उन्होंने संबंधित डिस्ट्रीब्यूटर के खिलाफ जांच कर नियम के विरुद्ध फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की बात कही। होम ब्रेड डीलर और सीमांचल जिला किशनगंज में पश्चिम बंगाल और आस पास के राज्यों से फूड सेफ़्टी एक्ट के नियमों की अनदेखी करके बिना एक्पायरी डेट के खाद्य पदार्थ बेचने का सिलसिला जारी है। एक तरफ व्यापारी सरकार के राजस्व को चूना लगा रहा है तो दूसरी तरफ आम आदमी के सेहत के साथ खिलवाड़ होने से लोग बीमारी की चपेट में आ सकते है। ऐसे में जरूरत है, जिला प्रशासन को ऐसे लोगों के खिलाफ अविलंब कार्रवाई करने की ताकि लोगों के बीच बीमारी पैर पसारने से पहले उसे बचाया जा सके। अब देखना दिलचस्प होगा कि क्या जिला प्रशासन इस अवैध रूप से बेच रहे इस दुकानदार पर अंकुश लगा पाती है या नहीं या यूं ही जिले के लोगों के जिंदगी के साथ खिलवाड़ चलता रहेगा।