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गर्भवती महिलाओं को डायबिटीज के प्रति विशेष सतर्क रहने की जरूरत, गर्भावस्था में महिलाओं में डायबिटीज का सीधा असर बच्चों पर; खानपान और जीवन शैली पर रखें ध्यान।

सारस न्यूज टीम, किशनगंज।

गर्भावस्था में महिलाओं को डायबिटीज का शिकार होना बच्चे के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। डायबिटीज का मुख्य कारण अनियमित खानपान, जीवन शैली में बदलाव माना जा रहा है। इसके साथ साथ शरीर का वजन, हाई ब्लड प्रेशर एवं कोलेस्ट्रॉल लेवल में वृद्धि भी इसका एक कारण है। सिविल सर्जन डॉक्टर कौशल किशोर ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को डायबिटीज के प्रति विशेष सतर्क रहने की जरूरत है। इसका सीधा प्रभाव गर्भवस्था में पल रहे शिशु पर पड़ता है। उन्होंने बताया कि डायबिटीज मेटाबोलिक बीमारियों का समूह है।

जिसमें खून में ब्लड शुगर या ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक होता है। डायबिटीज में मरीज को बार-बार प्यास लगना भूख ज्यादा महसूस होना और बार-बार पेशाब लगने की शिकायत होती है। उन्होंने कहा कि डायबिटीज तीन प्रकार के होते हैं। सिविल सर्जन ने कहा कि डायबिटीज का सबसे बड़ा कारण शरीर का वजन अधिक होना है। कई बार हाई ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना भी डायबिटीज का कारण बनता है। इसके अलावा उम्र अधिक होना फैमिली हिस्ट्री और दिल के मरीजों को डायबिटीज होने की संभावना अधिक होती है।

जीवनशैली में बदलाव कर पाया जा सकता है काबू
डायबिटीज के मरीज अपनी जीवनशैली में बदलाव कर बीमारी पर काबू पा सकते हैं। प्रतिदिन कम से कम 30 से 45 मिनट का व्यायाम इस बीमारी से बचा सकती है। खानपान में फल, अनाज और सब्जियां का सेवन करना भी लाभदायक है। इसके अलावा वजन पर नियंत्रण करना, पर्याप्त नींद लेना और तनाव मुक्त जीवनशैली मधुमेह से दूर रखने में सहायक है।

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