शहरी क्षेत्र में प्रतिबंधित पॉलीथिन व थर्मोकॉल से निर्मित सामानों की बिक्री व उपयोग अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। पॉलीथिन की बिक्री व थर्मोकॉल से बने ग्लास प्लेट बेचने वाले थोक विक्रेता चोरी छुपे अपने-अपने गोदामों से प्रतिबंधित सामानों की बिक्री कर रहे हैं।
विगत कई दिन पूर्व नगर प्रशासन द्वारा मुख्य बाजार के कई दुकानों में छापेमारी भी की गई थी। जिससे दुकानदारों में हड़कंप था। लेकिन फिर कार्रवाई नहीं होने पर बाजारों में फूटकर विक्रेता भी छुप छुपाकर इसका उपयोग भी कर रहे हैं। ठेले पर आम बेचने वाले ने बताया कि वजन ज्यादा होने पर कपड़े की थैली टूट जाती है। जिससे दुकानदार व ग्राहक दोनों को परेशानी हो जाती है।
इसी तरह सब्जी विक्रेता भी पहले तो खरीददार से सामान देने के लिए झोली की मांग करते हैं। लेकिन ग्राहक जब झोली नहीं देते हैं तो उसे पॉलीथिन में सामान थमा देते हैं। प्रतिबंध के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि बाजार में करीब-करीब सभी दुकानदार इसका उपयोग कर हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई जांच करने पहुंच गया तो छुपा देंगे।
इसी तरह नाम नहीं छापने की शर्त पर कई थर्मोकॉल निर्मित सामान बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि लोकल में ये प्रतिबंधित सामानों की बिक्री नहीं करते बल्कि ग्रामीण इलाके के दुकानदारों को चोरी-छुपे बेच देते हैं। शहर के कई गणमान्य व बुद्धिजीवियों ने बताया कि प्रतिबंधित सामानों की खरीद-बिक्री पूरी तरह बंद करने के लिए कार्रवाई से ज्यादा लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज।
शहरी क्षेत्र में प्रतिबंधित पॉलीथिन व थर्मोकॉल से निर्मित सामानों की बिक्री व उपयोग अभी भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। पॉलीथिन की बिक्री व थर्मोकॉल से बने ग्लास प्लेट बेचने वाले थोक विक्रेता चोरी छुपे अपने-अपने गोदामों से प्रतिबंधित सामानों की बिक्री कर रहे हैं।
विगत कई दिन पूर्व नगर प्रशासन द्वारा मुख्य बाजार के कई दुकानों में छापेमारी भी की गई थी। जिससे दुकानदारों में हड़कंप था। लेकिन फिर कार्रवाई नहीं होने पर बाजारों में फूटकर विक्रेता भी छुप छुपाकर इसका उपयोग भी कर रहे हैं। ठेले पर आम बेचने वाले ने बताया कि वजन ज्यादा होने पर कपड़े की थैली टूट जाती है। जिससे दुकानदार व ग्राहक दोनों को परेशानी हो जाती है।
इसी तरह सब्जी विक्रेता भी पहले तो खरीददार से सामान देने के लिए झोली की मांग करते हैं। लेकिन ग्राहक जब झोली नहीं देते हैं तो उसे पॉलीथिन में सामान थमा देते हैं। प्रतिबंध के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि बाजार में करीब-करीब सभी दुकानदार इसका उपयोग कर हैं। उन्होंने कहा कि यदि कोई जांच करने पहुंच गया तो छुपा देंगे।
इसी तरह नाम नहीं छापने की शर्त पर कई थर्मोकॉल निर्मित सामान बेचने वाले दुकानदारों ने बताया कि लोकल में ये प्रतिबंधित सामानों की बिक्री नहीं करते बल्कि ग्रामीण इलाके के दुकानदारों को चोरी-छुपे बेच देते हैं। शहर के कई गणमान्य व बुद्धिजीवियों ने बताया कि प्रतिबंधित सामानों की खरीद-बिक्री पूरी तरह बंद करने के लिए कार्रवाई से ज्यादा लोगों को जागरुक करने की आवश्यकता है।
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