जिले में डेंगू का प्रसार जारी है। इस बीच मंगलवार को जिले में डेंगू का 02 नया मामला सामने आया है। अब तक जिले में डेंगू के 21 मरीज मिले हैं। अक्टूबर माह के अंत तक संक्रमण के प्रसार की संभावना बनी हुई है। लिहाजा लोगों को रोग से बचाव संबंधी उपायों पर गंभीरतापूर्वक अमल करने की जरूरत है। डेंगू मरीजों का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में जारी है। वहीं प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर फॉगिंग का कार्य जारी है। अगस्त माह से अब तक कुल रैपिड एन्टिजन टेस्ट 1132 की हुई है। जिले में डेंगू रोग के सत्यापन के लिये कुल 47 संदेहास्पद मरीजों का एलिजा टेस्ट किया गया है। इसमें अब तक डेंगू के 21 मामले सामने आये हैं। जिसमें 02 मरीज सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती हैं। वहीँ 02 मरीज होम आइसोलेट हैं।
डेंगू से निपटने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार: जिलाधिकारी। जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने बताया कि जिले में डेंगू के संभावित खतरों से निपटने और मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक रूप से दिशा- निर्देश दिया गया है। विभागीय स्तर पर हरसंभव सकारात्मक पहल की जा रही है। डेंगू से जुड़ी हुई चुनौतियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। विभागीय स्तर से मरीजों की सेहत की निगरानी की जा रही है। इसके लिए सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में विशेष रूप से डेंगू वार्ड बनाया गया है। साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंगू जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी गयी है। डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट्स जांच की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।
रोग प्रबंधन व विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में इलाज जरूरी- सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ कर 21 हो गयी है। इसमें अधिकांश स्वस्थ हो चुके हैं। फिलहाल एक्टिव मरीजों की संख्या 04 है। डेंगू संबंधी मामलों में स्वास्थ्य विभाग बेहद संवदेनशील है। मरीजों की जांच से लेकर इलाज तक सभी जरूरी इंतजाम जिले में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू को लेकर लोगों को फिलहाल ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। लेकिन अभी एहतियाती उपायों पर गंभीरतापूर्वक अमल करना जरूरी है।
डेंगू को लेकर स्थिति फिलहाल नियंत्रण में- जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि डेंगू के प्रसार का खतरा अभी बना हुआ है। लिहाजा लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। जैसे-जैसे जिले में ठंड का प्रकोप बढ़ेगा मरीजों की संख्या में गिरावट की संभावना उन्होंने व्यक्त की। उन्होंने बताया कि डेंगू नियंत्रण को लेकर विभाग सक्रिय है। जांच व इलाज से जुड़े सभी जरूरी इंतजाम जिले में उपलब्ध हैं। इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है। डेंगू संबंधी जांच के लिये जरूरी किट सभी पीएचसी के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। वहीं प्रभावित इलाकों में रोग के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से छिड़काव के लिये टेमिफोस दवा उपलब्ध करायी गयी है। प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार छिड़काव का कार्य जारी है। मरीज के घर के 500 मीटर के दायरे में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सामान्य लक्षणों के आधार पर डेंगू की पहचान आसान है। उन्होंने बताया कि तेज बुखार, बदन, सर व जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, नाक, मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव, त्वचा पर लाल धब्बे व चकत्ते का निशान होने पर बिना समय नष्ट किये नजदीकी अस्पताल में समुचित जांच के बाद इलाज कराना जरूरी है।
सारस न्यूज, किशनगंज।
जिले में डेंगू का प्रसार जारी है। इस बीच मंगलवार को जिले में डेंगू का 02 नया मामला सामने आया है। अब तक जिले में डेंगू के 21 मरीज मिले हैं। अक्टूबर माह के अंत तक संक्रमण के प्रसार की संभावना बनी हुई है। लिहाजा लोगों को रोग से बचाव संबंधी उपायों पर गंभीरतापूर्वक अमल करने की जरूरत है। डेंगू मरीजों का इलाज विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में जारी है। वहीं प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार पर फॉगिंग का कार्य जारी है। अगस्त माह से अब तक कुल रैपिड एन्टिजन टेस्ट 1132 की हुई है। जिले में डेंगू रोग के सत्यापन के लिये कुल 47 संदेहास्पद मरीजों का एलिजा टेस्ट किया गया है। इसमें अब तक डेंगू के 21 मामले सामने आये हैं। जिसमें 02 मरीज सदर अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती हैं। वहीँ 02 मरीज होम आइसोलेट हैं।
डेंगू से निपटने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार: जिलाधिकारी। जिलाधिकारी तुषार सिंगला ने बताया कि जिले में डेंगू के संभावित खतरों से निपटने और मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक रूप से दिशा- निर्देश दिया गया है। विभागीय स्तर पर हरसंभव सकारात्मक पहल की जा रही है। डेंगू से जुड़ी हुई चुनौतियों से निपटने के लिए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह तैयार है। विभागीय स्तर से मरीजों की सेहत की निगरानी की जा रही है। इसके लिए सदर अस्पताल सहित सभी सरकारी अस्पतालों में विशेष रूप से डेंगू वार्ड बनाया गया है। साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थानों में डेंगू जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करायी गयी है। डेंगू मरीजों के लिए प्लेटलेट्स जांच की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।
रोग प्रबंधन व विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में इलाज जरूरी- सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ कर 21 हो गयी है। इसमें अधिकांश स्वस्थ हो चुके हैं। फिलहाल एक्टिव मरीजों की संख्या 04 है। डेंगू संबंधी मामलों में स्वास्थ्य विभाग बेहद संवदेनशील है। मरीजों की जांच से लेकर इलाज तक सभी जरूरी इंतजाम जिले में उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि डेंगू को लेकर लोगों को फिलहाल ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। लेकिन अभी एहतियाती उपायों पर गंभीरतापूर्वक अमल करना जरूरी है।
डेंगू को लेकर स्थिति फिलहाल नियंत्रण में- जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ मंजर आलम ने बताया कि डेंगू के प्रसार का खतरा अभी बना हुआ है। लिहाजा लोगों को अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। जैसे-जैसे जिले में ठंड का प्रकोप बढ़ेगा मरीजों की संख्या में गिरावट की संभावना उन्होंने व्यक्त की। उन्होंने बताया कि डेंगू नियंत्रण को लेकर विभाग सक्रिय है। जांच व इलाज से जुड़े सभी जरूरी इंतजाम जिले में उपलब्ध हैं। इसकी नियमित समीक्षा की जा रही है। डेंगू संबंधी जांच के लिये जरूरी किट सभी पीएचसी के पास पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। वहीं प्रभावित इलाकों में रोग के प्रसार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से छिड़काव के लिये टेमिफोस दवा उपलब्ध करायी गयी है। प्रभावित इलाकों में प्राथमिकता के आधार छिड़काव का कार्य जारी है। मरीज के घर के 500 मीटर के दायरे में दवा का छिड़काव किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि सामान्य लक्षणों के आधार पर डेंगू की पहचान आसान है। उन्होंने बताया कि तेज बुखार, बदन, सर व जोड़ों में दर्द, आंखों के पीछे दर्द, नाक, मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव, त्वचा पर लाल धब्बे व चकत्ते का निशान होने पर बिना समय नष्ट किये नजदीकी अस्पताल में समुचित जांच के बाद इलाज कराना जरूरी है।
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