पौआखाली प्रखंड के महावीर मंदिर में दो दिनों से चल रहे गायत्री महायज्ञ का समापन हो गया। शाम को प्रवचन के क्रम में प्रज्ञापुत्र सुदामा जी ने कहा कि समाज में फैल रहे अपराध एवं निंदनीय व्यवहार के लिए विचारों को पवित्र करना आवश्यक है। पवित्र एवं सात्विक विचार ही आदमी को देवतुल्य बना सकता है। इसलिए मनुष्य को स्वयं विचार को दूषित होने से बचाना चाहिए। आगंतुकों को माला पहनाकर एवं पट्टिका ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया। हवन का अनुष्ठान भी किया गया। जिसमें दर्जनों श्रद्धा युक्तने विश्व शांति की कामना को लेकर हवन पूजन किया गया। आयोजन में कृष्ण प्रसाद कर्मकार, रमाशंकर साह, विमल पोद्दार, मनोज साह, सुशील सोमानी, संतोष साह, प्रेम लाल आदि उपस्थित थे।
सारस न्यूज टीम, पौआखाली।
पौआखाली प्रखंड के महावीर मंदिर में दो दिनों से चल रहे गायत्री महायज्ञ का समापन हो गया। शाम को प्रवचन के क्रम में प्रज्ञापुत्र सुदामा जी ने कहा कि समाज में फैल रहे अपराध एवं निंदनीय व्यवहार के लिए विचारों को पवित्र करना आवश्यक है। पवित्र एवं सात्विक विचार ही आदमी को देवतुल्य बना सकता है। इसलिए मनुष्य को स्वयं विचार को दूषित होने से बचाना चाहिए। आगंतुकों को माला पहनाकर एवं पट्टिका ओढ़ाकर सम्मानित भी किया गया। हवन का अनुष्ठान भी किया गया। जिसमें दर्जनों श्रद्धा युक्तने विश्व शांति की कामना को लेकर हवन पूजन किया गया। आयोजन में कृष्ण प्रसाद कर्मकार, रमाशंकर साह, विमल पोद्दार, मनोज साह, सुशील सोमानी, संतोष साह, प्रेम लाल आदि उपस्थित थे।
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