Saaras News – सारस न्यूज़ – चुन – चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

रेतुआ नदी के दोनों ओर प्रस्तावित बांध निर्माण के लिए भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया अब तक नहीं हो सकी शुरू, बाढ़ नियंत्रण विभाग ने नहीं दी राशि, जमीन अधिग्रहण नहीं होने से रेतुआ नदी पर तटबंध निर्माण अटका।

सारस न्यूज टीम, टेढ़ागाछ।

रेतुआ नदी के दोनों ओर प्रस्तावित बांध निर्माण के लिए भू-अधिग्रहण की प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं हो सकी है। कारण कि भू अधिग्रहण के लिए बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण विभाग ने अब तक राशि जारी नहीं किया। नतीजा इस वर्ष जून के अंतिम सप्ताह में नदी किनारे के गांवों में बाढ़ आई और बड़े पैमाने पर तबाही मची। अभी मानसून बाकी है। बांध के निर्माण में कम से कम तीन वर्ष का समय लगेगा। वर्ष 2018 में रतुआ नदी के दोनों ओर 66 किलोमीटर बांध निर्माण की स्वीकृति मिली थी। इसका टेंडर भी किया गया था।

हैदराबाद की बीएससीपीएल कंपनी को कार्य की जिम्मेदारी मिली। निर्माण एजेंसी को 33 महीने का टारगेट दिया गया था। अगर समय पर तटबन्ध निर्माण की प्रक्रिया शुरू होती तो वर्ष 2020 में बांध तैयार हो जाता। लेकिन स्वीकृति के बाद ही मामला फंसता गया। तब भूअर्जन विभाग द्वारा एस्टीमेट देने में विलंब के कारण बांध निर्माण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी। निर्माण कंपनी को विभाग ने ब्लैक लिस्टेड कर दिया। इसके खिलाफ कंपनी ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल किया। वर्ष 2019 में कोर्ट ने कंपनी के पक्ष में फैसला सुनाया। एकबार फिर प्रक्रिया शुरू हुई। तटबन्ध निर्माण के लिए 463 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाना है।

जमीन अधिग्रहण के लिए जिला भूअर्जन द्वारा जल निस्सरण विभाग से 247 करोड़ 41 लाख 44 हजार 643 रुपये की मांग की गई। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूअर्जन विभाग द्वारा मांग की गई राशि से प्रतिकर हटाकर एस्टीमेट बनाने को कहा। इस प्रक्रिया में पुनः छह महीने का समय बीत गया। मार्च 2022 में भूअर्जन विभाग ने फिर से 187 करोड़ का एस्टीमेट बनाकर विभाग को भेजा। लेकिन विभाग द्वारा अबतक राशि आवंटित नहीं किया गया है। नतीजा अबतक एक इंच जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सका है।

पिछले महीने जून में आई बाढ़ से सरकारी स्कूल और दर्जनों घर रेतुआ नदी में समाए
इसी वर्ष जून में नेपाल की तराई सहित जिले में अत्यधिक वर्षापात के कारण रतुआ नदी उफान पर थी। टेढ़ागाछ प्रखंड के दर्जनों गांव इसकी जद में आए। सरकारी स्कूल सहित दर्जनों लोगों के घर नदी में समा गए। लोग जान बचाने के लिए घरबार छोड़ अन्यत्र शरण लेने को विवश हो गए। सबसे अधिक भौराहा, आशा, धापरटोला, लौधाबाड़ी, डोरिया, दर्जी टोला, गढ़ी टोला, खजूरबाड़ी, हथिलद्दा, चिल्हनियां, सुहिया, हाटगांव सहित दर्जनों गांव रतुआ नदी के कटाव से प्रभावित रहा।

महानंदा नदी पर भी तटबंध निर्माण की मिल चुकी है स्वीकृति, राशि अलॉट में हो रही देरी
महानंदा बेसिन योजना फेज टू के तहत सरकार ने महानंदा नदी के दोनों ओर भी तटबन्ध निर्माण की मंजूरी दी है। किशनगंज एवं कोचाधामन प्रखंड के कुल 20 मौजा में तटबन्ध के लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए कटिहार डिवीजन एवं सालमारी डिवीजन द्वारा टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। भूअर्जन विभाग द्वारा दोनों डिवीजन को जमीन अधिग्रहण के लिए एस्टीमेट बनाकर भेज चुकी है। लेकिन अबतक भूअर्जन विभाग को राशि का अलॉट नहीं किया गया है।

योजना में जिले के तीन प्रखंड शामिल
जिले के बहादुरगंज, कोचाधामन एवं टेढ़ागाछ होकर तटबन्ध गुजरेगी। इसके साथ साथ अररिया जिले के सिकटी, जोकीहाट एवं पलासी में भी तटबन्ध का निर्माण होना है। जिले में बहादुरगंज प्रखंड के आठ मौजा, कोचाधामन प्रखंड में एक मौजा एवं टेढ़ागाछ प्रखंड में 18 मौजा में जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
पुनः विभाग से किया जाएगा पत्राचार
जल निस्सरण विभाग के नव पदस्थापित कार्यपालक अभियन्ता धनंजय कुमार ने कहा कि पुनः पत्राचार कर राशि आवंटन की मांग विभाग से किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *