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विश्व पर्यावरण दिवस पर मात्स्यकी महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने निकाली जागरूकता रैली, पर्यावरण संरक्षण को ले कई कार्यक्रम आयोजित।

सारस न्यूज, किशनगंज।

विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर अर्राबाड़ी स्थित मात्स्यकी महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा दो दिवसीय कार्यक्रम के अंतर्गत पर्यावरण जागरूकता हेतु कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए। यूनाइटेड नेशन्स एनवायरनमेंट प्रोग्राम के द्वारा तय किए गए इस वर्ष की थीम बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन के तहत मात्स्यकी महाविद्यालय के अध्यापकों ने छात्रों के बीच रविवार को पोस्टर, फोटोग्राफी एवं  स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसमें कॉलेज के सभी छात्र- छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। उसके उपरांत मात्स्यकी महाविद्यालय के छात्र- छात्राओं द्वारा सोमवार को बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन की थीम पर महाविद्यालय प्रांगण से खरखरी बाजार तक जागरूकता रैली निकाली गई। रैली के उपरांत खरखरी गांव में महाविद्यालय के जलीय पर्यावरण प्रबंधन विभाग के सहायक शिक्षक तापस पॉल, डॉ आशुतोष कुमार एवं मधु कुमारी ने बारी बारी से ग्रामीणों के बीच पर्यावरण जागरूकता संबंधी अपनी बातों को रखा एवं पर्यावरण संरक्षण को ले अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निर्वहन करने का आग्रह किया।
वहीं जागरुकता कार्यक्रम में स्थानीय ग्रामीणों को संबोधित करते हुए महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ वी पी सैनी ने पर्यावरणीय संतुलन को मानव के हितों के लिए आवश्यक बताया एवं प्लास्टिक के नियमित उपयोग होने के कारण माईक्रोप्लास्टिक से होने वाले नुकसान को बताया।
मात्स्यकी महाविद्यालय के जलीय जीव स्वास्थ्य प्रबंधन के सहायक प्राध्यापक भारतेन्दु विमल ने बताया कि हमें यह समझना होगा कि सम्पूर्ण मानवता का अस्तित्व प्रकृति पर निर्भर है इसके बिना मानव जीवन संभव नहीं है। ऐसे में भविष्य की पीढ़ियों की जरूरतों को अनदेखी न करते हुए वर्तमान मांगों की आवश्यकताओं को पूरा करने के बीच संतुलन ले आना बेहद जरुरी है। पर्यावरण बचाने का कार्य हम अपने घर से ही शुरू कर सकते हैं। कोशिश करें कि एक पौधा जरुर लगायें, बिजली व पानी का दुरूपयोग न करें, किसी भी तालाब या नदी को प्रदूषित न करें, प्लास्टिक का उपयोग बंद कर इसकी जगह कागज़ या कपडे के थैले का प्रयोग करें। ध्यान रखें कि प्रकृति सुरक्षित तो मानव जीवन भी सुरक्षित हैं।
इस कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर संतोष सैनी एवं खरखरी के वार्ड सदस्य सहित स्थानीय गणमान्य नागरिक मौजूद रहे, जिसमें उन्होंने प्लास्टिक से होने वाले नुकसान और पर्यावरण की आवश्यकता के बारे मे अपने – अपने मंतव्य रखे। कार्यक्रम के दौरान महाविद्यालय के छात्रों द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुति भी दी गई जिसका स्थानीय लोगों ने काफी छात्रों के कला कौशल का काफ़ी उत्साहवर्धन किया। इस दौरान स्थानीय लोगों में पर्यावरण के सरंक्षण हेतु काफी उत्साह दिखा।
कार्यक्रम का समापन सायं काल में महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ वी पी सैनी द्वारा पौधरोपण कर किया गया। वहीं इस कार्यक्रम का सफल संचालन करने में जलीय जीव स्वास्थ्य प्रबंधन के सहायक प्राध्यापक भारतेन्दु विमल ने अपनी महत्ती भूमिका निभाई।

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