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किशनगंज के मोती बाग चौक क्षेत्र में रहने वालों के साथ मौत का खेल जारी।

नगर परिषद की लापरवाही पर जिला प्रशासन और बिहार सरकार की चुप्पी

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

किशनगंज के मोती बाग चौक क्षेत्र में लोगों के लिए सांस लेना मुश्किल हो गया है। यहां ऑक्सीजन की जगह बदबू ने ले ली है। गंदगी और कचरे के अंबार को छिपाने के लिए नगर परिषद के अधिकारी अक्सर उसमें आग लगवा देते हैं, जिससे धुआं पूरे इलाके में फैल जाता है। इस दौरान लोग अपने घरों से बाहर निकलने को मजबूर हो जाते हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिला प्रशासन और बिहार सरकार नगर परिषद की लापरवाही पर आंख मूंदे बैठे हैं। गरीब होने के कारण मोती बाग क्षेत्र के लोग अब तक हाईकोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटा पाए हैं।

परेशानी की कहानी

मोती बाग के लोगों के लिए अब ऑक्सीजनहीन हवा में सांस लेना रोज़ की मजबूरी बन गई है। बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे सभी इस जहरीले वातावरण में जीने को विवश हैं। कई घरों में खिड़कियां बंद रखने के बावजूद भी बदबू और धुआं अंदर तक घुस जाता है।

गोरखधंधा और हथकंडा

स्थानीय लोगों का आरोप है कि भूमाफिया इस इलाके को खाली करवाने की साजिश में हैं। वे चाहते हैं कि लगातार फैलती बदबू और बीमारियों के डर से लोग अपने घर बेचकर मोती बाग छोड़ दें। इसके बाद नगर परिषद और जिला प्रशासन पर दबाव बनाकर कचरा डंपिंग बंद करवा दी जाएगी ताकि खरीदी गई जमीन का ऊंचे दामों पर सौदा किया जा सके।

चिकित्सक की चेतावनी

डॉक्टरों के अनुसार, लगातार फैलता धुआं और गंदगी गंभीर बीमारियों को जन्म दे रहे हैं। इससे अस्थमा, क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों का संक्रमण, निमोनिया, यहाँ तक कि दिल के रोग और हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ गया है।

स्थिति का विवरण

गौरतलब है कि मोती बाग वार्ड संख्या 07 में आता है। सड़क के किनारे लगभग 5 एकड़ भूमि पर पूरे शहर का कचरा नगर परिषद द्वारा डंप किया जा रहा है। कचरे को छिपाने के लिए उसमें अक्सर आग लगा दी जाती है, जिससे कई किलोमीटर तक धुआं फैलता है।

स्थानीय निवासियों बबलू महतो और छोटू कुमार ने बताया –

“पिछले छह दिनों से कचरे में लगातार आग लगी हुई है। तीन किलोमीटर तक धुआं फैला हुआ है। हम बच्चों को घर के अंदर खिड़कियां बंद करके रखते हैं, फिर भी उन्हें सांस लेने में दिक्कत होती है। बुजुर्गों को भी खांसी और अस्थमा की समस्या बढ़ गई है। अगर यही हाल रहा तो मोती बाग के लोग धीरे-धीरे मर जाएंगे।”

निवासियों का कहना है कि यह स्थिति नई नहीं है — छह-सात महीने पहले भी नगर परिषद ने इसी तरह कचरे में आग लगाई थी, जिससे लोगों को कई दिनों तक परेशानी झेलनी पड़ी थी।

कई वर्षों से नगरवासी विरोध प्रदर्शन और आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन नगर परिषद ने अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं किया है। उल्टा विरोध करने वालों पर कई बार मुकदमे तक दर्ज कराए गए हैं।

जिला प्रशासन का पक्ष

इस संबंध में जिलाधिकारी (डीएम) विशाल राज ने कहा,

“ठीक है, मैं इस मामले की जांच करवाता हूं।”

वहीं एसडीएम अनिकेत कुमार ने कहा,

“मैं डीएम साहब से बात करता हूं।”

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