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पत्रकारों व आम नागरिकों ने एसएसबी सहायक कमांडेंट के विरुद्ध लिखित शिकायत कर विभागीय कार्रवाई का किया माँग।

सारस न्यूज गलगलिया।

भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र गलगलिया व ठाकुरगंज के पत्रकारों व आम नागरिकों ने एसएसबी 41वीं बटालियन रानीडांगा अंतर्गत भातगाँव समवाय के सहायक कमांडेंट कुणाल कौडान के विरुद्ध पत्रकार चंदन मंडल को कैम्प में घंटों बंधक बनाकर मार-पीट से लेकर अन्य कई तरह की यातनाएं देने व फर्जी केस में फंसाने की साजिश तथा असहाय गरीब लोगों को कैम्प ले जाकर डंडे का भय दिखाकर जबरन काम करवाने और कई अन्य तरह की मनमानी करने का आरोप लगाकर एसएसबी सिलीगुड़ी फ्रंटियर के महानिरीक्षक को लिखित शिकायत कर विभागीय करवाई की माँग की है। वहीं इसकी एक प्रति भारत सरकार के गृहमंत्री से लेकर एसएसबी महानिदेशक नई दिल्ली, बिहार सरकार के मुख्यमंत्री व राज्यपाल सहित जिला पदाधिकारी किशनगंज, पुलिस अधीक्षक किशनगंज के यहाँ भेजी गई है।

नेपाल के नागरिकों में भारत के प्रति छवि हो रही खराब:

पत्रकारों व आम नागरिकों द्वारा किये गए लिखित शिकायत में कहा गया है कि यहाँ सीमा की निगरानी के लिए रानीडांगा फ्रंटियर मुख्यालय के एसएसबी 41वीं बटालियन तैनात हैं। सीमा पर एसएसबी के निगरानी से यहाँ के ग्रामीण काफी सुरक्षित महसुस करते हैं। मगर जब से भातगाँव समवाय में एसएसबी के सहायक कमांडेंट कुणाल कौडान उम्र- 32 वर्ष, पिता- स्वर्गीय चन्दर सेन कौडान, निवासी 25/30 AE, वसई खुर्द थाना- ताजगंज जिला- आगरा (उत्तरप्रदेश) प्रतिनियुक्त हुए हैं, यहाँ तस्कर व माफिया किस्म के लोगों को छोड़कर सभी वर्ग के लोग डर के साये में जीने को मजबूर हैं। कुणाल कौडान के आदेश पर बिट होकर आने- जाने वाले आम लोगों के साथ एसएसबी बिटकर्मी जाँच के आड़ में अभद्रतापूर्ण व्यवहार करते हैं। जिससे नेपाल के नागरिकों में भारत के प्रति छवि खराब हो रही है। एसएसबी अधिकारी कुणाल कौडान के कहने पर जाँच के लिए तैनात बिटकर्मी नेपाल तथा भारतीय मजदूरों को डराकर कैम्प के भीतर ले जाते हैं। और लाठी- डंडे का भय दिखाकर जबरन बर्तन धुलवाने से लेकर टॉयलेट तक साफ करवाते हैं। यदि किसी ने मना किया तो उसे डंडे से पीटते हैं। शरीफ व आम नागरिकों के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार और बड़े-बड़े तस्कर व माफिया किस्म के लोगों की इनके द्वारा आवभगत की जाती है। इन सभी गतिविधियों के विरुद्ध कुछ माह पूर्व भी यहाँ के करीब दर्जन भर ग्रामीणों द्वारा एसएसबी के वरीय पदाधिकारियों को शिकायत की गई थी। वहीं ग्रामीणों ने इसकी कॉपी यहाँ के मीडियाकर्मियों को भी दिया था। वहीं मीडिया में खबर आने के बाद कुणाल एवं माफिया किस्म के तस्कर पत्रकार चंदन मंडल को सबक सिखाने की धमकी देते रहे। यही नही कुणाल कौडान के नेतृत्व में दिनांक: 26.07.2024 को कुछ गरीब असहाय महिला जो थोड़ा सा खाने का सामान नेपाल ले जाकर उसे बेच अपने बच्चों का पेट पालती है। उसके साथ भी एसएसबी जवानों द्वारा मार-पीट कर घायल कर दिया गया था। तथा उक्त महिलाओं के विरुद्ध कई असंगेय मामला में प्राथमिकी भी दर्ज कर दी गई थी। मगर पुलिस जाँच में इन महिलाओं के विरुद्ध लगाए गए असंगेय मामले को संगेय में परिवर्तित कर 41 के तहत थाना से पुलिस जमानत दी गई। और इस मामले को भी पत्रकार चंदन मंडल द्वारा अखबार में छापा गया था।

पत्रकार चंदन मंडल के साथ मार-पीट व अन्य तरीकों से दी गई यातनाएं:

शिकायत में पत्रकारों व ग्रामीणों ने बताया कि बदले की भावना से दिनांक: 13.12.2024 को शाम के करीब 03 बजे पत्रकार चंदन मंडल अपने दोस्त के साथ किसी जरूरी कार्य से नेपाल के भद्रपुर जा रहे थे तभी बिट कर्मियों ने रोककर आईकार्ड मांगा और जैसे ही चंदन मंडल की पहचान हुई उसे कैम्प के भीतर ले जाकर करीब 05 घंटा बंधक बनाकर मार-पीट किया गया। तथा बर्तन धुलवाने के अलावे अन्य तरीकों से यातनाएं दी गई। जिसके बाद करीब शाम के 08 बजे पत्रकार चंदन मंडल को कुणाल कौडान एसएसबी वाहन से गलगलिया थाना ले गए और झूठा मुकदमा दर्ज करवाने लगे। मगर सभी स्थानीय पत्रकारों द्वारा पुलिस को एसएसबी बिट में लगे सीसीटीवी की जाँच करने की गुहार के बाद सीसीटीवी जाँच हुई तो मार-पीट का आरोप गलत निकला और पत्रकार चंदन मंडल को थाना से मुक्त कर दिया गया। लोगों ने इन सारी घटनाओं की उच्च स्तरीय जाँच कर सहायक कमांडेंट कुणाल कौडान के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई करने की माँग की है।

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