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सारस न्यूज, गलगलिया। 
मैं राधा बन जाऊं
कान्हा कान्हा मैं करूँ
मैं राधा बन जाऊँ,
कान्हा मेरा सांवरा
कान्हा संग प्रीत लगाऊँ।
कान्हा तेरे होठों की
मैं मुरली बन जाऊँ,
तेरे संग -संग मैं फिरूँ
तेरे संग लाहराउं।
मन के मंदिर में मेरे
कान्हा की है मूरत,
नैनन की दो बाती ले
मैं पल-पल जोत जलाऊँ।
कान्हा तेरे माथे का
मैं टिका बन जाऊँ,
कान्हा -कान्हा मैं सिमरू
कान्हा के भजन मैं गाऊँ।
बैजंती फूलों की माला
गूँथ मैं हार चढ़ाऊँ
काजू,मेवा, माखन , मिसरी
तुझको भोग लगाऊँ
कान्हा तेरे प्रेम में
मैं जोगण बन जाऊं,
तेरे नाम है मेरा जीवन
तुझपे वारी जाऊँ।
बिंदू अग्रवाल,
गलागलिया,किशनगंज, बिहार
 
        
सारस न्यूज, गलगलिया। 
मैं राधा बन जाऊं
कान्हा कान्हा मैं करूँ
मैं राधा बन जाऊँ,
कान्हा मेरा सांवरा
कान्हा संग प्रीत लगाऊँ।
कान्हा तेरे होठों की
मैं मुरली बन जाऊँ,
तेरे संग -संग मैं फिरूँ
तेरे संग लाहराउं।
मन के मंदिर में मेरे
कान्हा की है मूरत,
नैनन की दो बाती ले
मैं पल-पल जोत जलाऊँ।
कान्हा तेरे माथे का
मैं टिका बन जाऊँ,
कान्हा -कान्हा मैं सिमरू
कान्हा के भजन मैं गाऊँ।
बैजंती फूलों की माला
गूँथ मैं हार चढ़ाऊँ
काजू,मेवा, माखन , मिसरी
तुझको भोग लगाऊँ
कान्हा तेरे प्रेम में
मैं जोगण बन जाऊं,
तेरे नाम है मेरा जीवन
तुझपे वारी जाऊँ।
बिंदू अग्रवाल,
गलागलिया,किशनगंज, बिहार
					 	
										
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