सारस न्यूज़, कोचाधामन, किशनगंज।
डेरामारी पंचायत का दो किलोमीटर का हिस्सा महानंदा नदी के कटाव से प्रभावित है।यूं तो प्रखंड के पूर्व हिस्सा के कई पंचायत महानंदा नदी के कटाव से प्रभावित है। लेकिन प्रखंड के डेरामारी पंचायत भी नदी कटाव से प्रभावित है। इस पंचायत के पूरबी छोड़ होकर महानंदा नदी बहती है। उत्तर से पाटकोई कला पंचायत के सीमा से दक्षिण बगलबाड़ी पंचायत के मस्तान चौक सीमा तक का दो किलोमीटर का हिस्सा जो खेती हर उपजाऊ भूमि है महानंदा नदी के कटाव से प्रभावित है। इस संदर्भ में स्थानीय लोगों ने कहा कि नदी आज से एक दशक पहले काफी दूर पूरब जानिब था।
लेकिन हर साल नदी का कटाव पश्चिम जानिब हो रहा है। जिस कारण हर साल खेतीहर उपजाऊ भूमि महानंदा नदी में समाहित हो जाता है। इससे खेती बाड़ी की जमीन घटने लगी है। इस संबंध में डेरामारी पंचायत के मुखिया सह प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष शाहबाज आलम ने कहा कि उसके पंचायत का खेतीहर जमीन हर साल महानंदा नदी में कट कर गिर रहा है।
इस समस्या से पूर्व में जिला पदाधिकारी को अवगत कराया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पाटकोई कला पंचायत के सीमा से बगलबाड़ी पंचायत के सीमा तक तटबंध का निर्माण हो जाने से इस समस्या से निजात मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि तटबंध नहीं होने से जब भी महानंदा नदी का जलस्तर बढ़ता है तो डेरामारी पंचायत का कई गांव टोला जलमग्न हो जाता है जिससे लोगों को काफी आर्थिक क्षति होती है।