टेढ़ागाछ प्रखंड के हाई स्कूल में मंगलवार को एनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत “T3” (टेस्ट, ट्रीट, टॉक) स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता डॉ. प्रमोद कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, टेढ़ागाछ ने की। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों में एनीमिया की समस्या का पता लगाना, उन्हें उचित चिकित्सा प्रदान करना, और पोषण के प्रति जागरूक बनाना था।
शिविर में शामिल प्रमुख अधिकारी:
डॉ. प्रमोद कुमार (प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी)
डॉ. सरफराज हुसैन (आयुष चिकित्सा पदाधिकारी)
मोहम्मद साजिदुर रहमान (फार्मासिस्ट, आरबीएसके)
श्रीमती अफसाना खातून (एएनएम)
मोहम्मद मिन्हाज आलम (लैब टेक्नीशियन)
शिविर की प्रमुख उपलब्धियां
कुल 70 बच्चों का हीमोग्लोबिन स्तर जांचा गया।
12 बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई।
03 बच्चों में हीमोग्लोबिन का स्तर 7 ग्राम से कम पाया गया, जो गंभीर एनीमिया की स्थिति दर्शाता है।
सभी बच्चों को डॉ. प्रमोद कुमार और डॉ. सरफराज हुसैन द्वारा आयरन युक्त आहार, फलों, और संतुलित भोजन के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। बच्चों को आयरन-फोलिक एसिड (आईएफए) की नीली गोलियां वितरित की गईं। साथ ही, ठंड से बचाव और पोषण पर विशेष ध्यान देने के लिए शिक्षकों और बच्चों को आवश्यक सुझाव दिए गए।
सिविल सर्जन, डॉ. राजेश कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “एनीमिया जैसी समस्या से निपटना हमारे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। यह शिविर बच्चों को उनकी स्वास्थ्य स्थिति समझने और सुधारने में मदद करेगा। स्कूल स्तर पर स्वास्थ्य जांच और जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए।”
जिलाधिकारी ने कहा, “एनीमिया मुक्त भारत अभियान जिले में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। स्कूली स्तर पर इस तरह की गतिविधियां बच्चों और उनके परिवारों को पोषण और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण जरिया बन सकती हैं। मैं शिक्षकों और स्वास्थ्य विभाग से अपील करता हूं कि वे इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाएं।”
शिविर के दौरान, शिक्षकों को एनीमिया के प्रभाव, कारण, और रोकथाम के बारे में जागरूक किया गया। बच्चों को नियमित पोषण, आयरन युक्त भोजन, और स्वच्छता की आदतें अपनाने की सलाह दी गई।
समाज को भी एनीमिया जैसी समस्याओं से निपटने के लिए अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। बच्चों के आहार में हरी सब्जियां, दाल, गुड़, फल, और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना आवश्यक है। ठंड के मौसम में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाने और उनकी नियमित स्वास्थ्य जांच कराने पर भी जोर दिया गया।
टेढ़ागाछ में आयोजित यह शिविर एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत जिले को स्वस्थ बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयासों से बच्चों में स्वास्थ्य सुधार और पोषण जागरूकता के जरिए बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। यह पहल बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ उनके उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
टेढ़ागाछ प्रखंड के हाई स्कूल में मंगलवार को एनीमिया मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत “T3” (टेस्ट, ट्रीट, टॉक) स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर की अध्यक्षता डॉ. प्रमोद कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, टेढ़ागाछ ने की। इस पहल का मुख्य उद्देश्य स्कूली बच्चों में एनीमिया की समस्या का पता लगाना, उन्हें उचित चिकित्सा प्रदान करना, और पोषण के प्रति जागरूक बनाना था।
शिविर में शामिल प्रमुख अधिकारी:
डॉ. प्रमोद कुमार (प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी)
डॉ. सरफराज हुसैन (आयुष चिकित्सा पदाधिकारी)
मोहम्मद साजिदुर रहमान (फार्मासिस्ट, आरबीएसके)
श्रीमती अफसाना खातून (एएनएम)
मोहम्मद मिन्हाज आलम (लैब टेक्नीशियन)
शिविर की प्रमुख उपलब्धियां
कुल 70 बच्चों का हीमोग्लोबिन स्तर जांचा गया।
12 बच्चों में हीमोग्लोबिन की कमी पाई गई।
03 बच्चों में हीमोग्लोबिन का स्तर 7 ग्राम से कम पाया गया, जो गंभीर एनीमिया की स्थिति दर्शाता है।
सभी बच्चों को डॉ. प्रमोद कुमार और डॉ. सरफराज हुसैन द्वारा आयरन युक्त आहार, फलों, और संतुलित भोजन के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। बच्चों को आयरन-फोलिक एसिड (आईएफए) की नीली गोलियां वितरित की गईं। साथ ही, ठंड से बचाव और पोषण पर विशेष ध्यान देने के लिए शिक्षकों और बच्चों को आवश्यक सुझाव दिए गए।
सिविल सर्जन, डॉ. राजेश कुमार ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “एनीमिया जैसी समस्या से निपटना हमारे बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए बेहद जरूरी है। यह शिविर बच्चों को उनकी स्वास्थ्य स्थिति समझने और सुधारने में मदद करेगा। स्कूल स्तर पर स्वास्थ्य जांच और जागरूकता कार्यक्रम नियमित रूप से आयोजित किए जाने चाहिए।”
जिलाधिकारी ने कहा, “एनीमिया मुक्त भारत अभियान जिले में बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल है। स्कूली स्तर पर इस तरह की गतिविधियां बच्चों और उनके परिवारों को पोषण और स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण जरिया बन सकती हैं। मैं शिक्षकों और स्वास्थ्य विभाग से अपील करता हूं कि वे इस अभियान को और अधिक प्रभावी बनाएं।”
शिविर के दौरान, शिक्षकों को एनीमिया के प्रभाव, कारण, और रोकथाम के बारे में जागरूक किया गया। बच्चों को नियमित पोषण, आयरन युक्त भोजन, और स्वच्छता की आदतें अपनाने की सलाह दी गई।
समाज को भी एनीमिया जैसी समस्याओं से निपटने के लिए अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। बच्चों के आहार में हरी सब्जियां, दाल, गुड़, फल, और आयरन युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करना आवश्यक है। ठंड के मौसम में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाने और उनकी नियमित स्वास्थ्य जांच कराने पर भी जोर दिया गया।
टेढ़ागाछ में आयोजित यह शिविर एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत जिले को स्वस्थ बनाने की दिशा में एक प्रभावी कदम है। स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयासों से बच्चों में स्वास्थ्य सुधार और पोषण जागरूकता के जरिए बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। यह पहल बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास के साथ-साथ उनके उज्ज्वल भविष्य को सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगी।