सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की आसान पहुंच
किशनगंज के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए ई-टेलीमेडिसिन सेवा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फरवरी 2021 से जनवरी 2025 तक इस सेवा के माध्यम से 3,52,535 लोगों को स्वास्थ्य परामर्श दिया गया। खासतौर पर ठंड के मौसम में यह सेवा बेहद प्रभावी साबित हो रही है, जिससे मरीज घर बैठे विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीकी का बेहतरीन उपयोग
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि जिले के 263 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में से 241 उपकेंद्र ई-टेलीमेडिसिन सेवा से जोड़े गए हैं। यह सेवा ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को नए आयाम दे रही है। फरवरी 2021 में शुरू हुई इस पहल ने पहले ही वर्ष में 3,081 लोगों को लाभान्वित किया। इसके बाद से हर वर्ष इस सेवा का उपयोग बढ़ा है:
2021-22 में: 21,995 लाभार्थी
2022-23 में: 58,406 लाभार्थी
2023-24 में: 1,58,916 लाभार्थी
2025 के शुरुआती 14 दिनों में: 1,10,137 मरीजों ने लाभ लिया।
टेलीमेडिसिन से जुड़ी सुविधाएं और फायदे
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने जानकारी दी कि जिले में 16 हब और 263 स्पोक्स के माध्यम से यह सेवा सुचारू रूप से संचालित हो रही है। ई-संजीवनी ऐप के जरिए मरीज अपनी समस्या सीधे विशेषज्ञ चिकित्सकों तक पहुंचा सकते हैं। यह सेवा मरीजों को कई फायदे प्रदान कर रही है, जैसे:
समय पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह।
अस्पताल आने-जाने और लंबी कतारों में खड़े होने की परेशानी से छुटकारा।
ठंड के मौसम में सफर करने की कठिनाइयों का समाधान।
ग्रामीणों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव
जिलाधिकारी विशाल राज ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ई-टेलीमेडिसिन सेवा ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल दी है। यह सेवा न केवल मरीजों का समय और धन बचा रही है, बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य परामर्श भी उपलब्ध करा रही है।
लाभार्थियों की राय
सदर प्रखंड की रुखसाना खातून ने कहा, “पहले डॉक्टर से मिलने के लिए शहर जाना पड़ता था, लेकिन अब घर बैठे ही सलाह मिल जाती है।”
पोठिया प्रखंड के राजेश मंडल ने बताया, “ठंड में सफर करना मुश्किल था, लेकिन ई-टेलीमेडिसिन सेवा से यह समस्या खत्म हो गई है।”
स्वास्थ्य जागरूकता और पोषण का संदेश
वीएचएसएनडी सत्र के दौरान गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और बच्चों को पोषण संबंधी जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने संतुलित आहार, सही स्तनपान, और पोषण वाटिका के महत्व पर जोर दिया।
ई-टेलीमेडिसिन: ग्रामीण भारत की जरूरत
ई-टेलीमेडिसिन सेवा ने न केवल चिकित्सा सुविधाओं को सरल और सुलभ बनाया है, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है। यह पहल ग्रामीण जनता के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है और स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई क्रांति की शुरुआत की है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की आसान पहुंच
किशनगंज के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए ई-टेलीमेडिसिन सेवा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। फरवरी 2021 से जनवरी 2025 तक इस सेवा के माध्यम से 3,52,535 लोगों को स्वास्थ्य परामर्श दिया गया। खासतौर पर ठंड के मौसम में यह सेवा बेहद प्रभावी साबित हो रही है, जिससे मरीज घर बैठे विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श प्राप्त कर रहे हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं में तकनीकी का बेहतरीन उपयोग
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि जिले के 263 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में से 241 उपकेंद्र ई-टेलीमेडिसिन सेवा से जोड़े गए हैं। यह सेवा ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं को नए आयाम दे रही है। फरवरी 2021 में शुरू हुई इस पहल ने पहले ही वर्ष में 3,081 लोगों को लाभान्वित किया। इसके बाद से हर वर्ष इस सेवा का उपयोग बढ़ा है:
2021-22 में: 21,995 लाभार्थी
2022-23 में: 58,406 लाभार्थी
2023-24 में: 1,58,916 लाभार्थी
2025 के शुरुआती 14 दिनों में: 1,10,137 मरीजों ने लाभ लिया।
टेलीमेडिसिन से जुड़ी सुविधाएं और फायदे
जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने जानकारी दी कि जिले में 16 हब और 263 स्पोक्स के माध्यम से यह सेवा सुचारू रूप से संचालित हो रही है। ई-संजीवनी ऐप के जरिए मरीज अपनी समस्या सीधे विशेषज्ञ चिकित्सकों तक पहुंचा सकते हैं। यह सेवा मरीजों को कई फायदे प्रदान कर रही है, जैसे:
समय पर विशेषज्ञ चिकित्सकों की सलाह।
अस्पताल आने-जाने और लंबी कतारों में खड़े होने की परेशानी से छुटकारा।
ठंड के मौसम में सफर करने की कठिनाइयों का समाधान।
ग्रामीणों की जिंदगी में सकारात्मक बदलाव
जिलाधिकारी विशाल राज ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ई-टेलीमेडिसिन सेवा ने ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर बदल दी है। यह सेवा न केवल मरीजों का समय और धन बचा रही है, बल्कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य परामर्श भी उपलब्ध करा रही है।
लाभार्थियों की राय
सदर प्रखंड की रुखसाना खातून ने कहा, “पहले डॉक्टर से मिलने के लिए शहर जाना पड़ता था, लेकिन अब घर बैठे ही सलाह मिल जाती है।”
पोठिया प्रखंड के राजेश मंडल ने बताया, “ठंड में सफर करना मुश्किल था, लेकिन ई-टेलीमेडिसिन सेवा से यह समस्या खत्म हो गई है।”
स्वास्थ्य जागरूकता और पोषण का संदेश
वीएचएसएनडी सत्र के दौरान गर्भवती महिलाओं, किशोरियों और बच्चों को पोषण संबंधी जानकारी दी गई। विशेषज्ञों ने संतुलित आहार, सही स्तनपान, और पोषण वाटिका के महत्व पर जोर दिया।
ई-टेलीमेडिसिन: ग्रामीण भारत की जरूरत
ई-टेलीमेडिसिन सेवा ने न केवल चिकित्सा सुविधाओं को सरल और सुलभ बनाया है, बल्कि समाज में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता भी बढ़ाई है। यह पहल ग्रामीण जनता के लिए एक नई उम्मीद बनकर उभरी है और स्वास्थ्य सेवाओं में एक नई क्रांति की शुरुआत की है।