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किशनगंज पीएचसी में परिवार नियोजन पर विशेष प्रशिक्षण: डिजिटल प्रणाली से स्वास्थ्य सेवाओं को मिलेगा बढ़ावा।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

किशनगंज। जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) में आज एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) और आशा कार्यकर्ताओं को एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण दिया गया। इसका उद्देश्य परिवार नियोजन, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, और अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल साधनों के माध्यम से अधिक प्रभावी और सुगम बनाना था।

परिवार नियोजन की आवश्यकता पर जोर

प्रशिक्षण के दौरान परिवार नियोजन के महत्व पर विस्तार से चर्चा की गई।

  • जन्म दर पर नियंत्रण: स्वास्थ्य कर्मियों को समझाया गया कि परिवार नियोजन न केवल जनसंख्या नियंत्रण का साधन है, बल्कि यह परिवार की समृद्धि, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, और समाज की आर्थिक स्थिरता से भी जुड़ा है।
  • स्थाई और अस्थाई साधन: कंडोम, माला-एन, छाया गोली, अंतरा इंजेक्शन, आईयूसीडी, और नसबंदी जैसे साधनों के उपयोग की जानकारी दी गई।

डिजिटल प्रणाली से लक्ष्य प्राप्ति का मार्ग

कार्यक्रम में फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम (FPLMIS) पर विशेष ध्यान दिया गया।

  • सामग्री की पारदर्शिता: इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से एएनएम और आशा कार्यकर्ता परिवार नियोजन सामग्रियों की मांग और आपूर्ति को डिजिटल तरीके से प्रबंधित कर सकती हैं।
  • तेज और सटीक प्रक्रिया: प्रशिक्षण में सिखाया गया कि कैसे आशा कार्यकर्ता FPLMIS पर माला एन, कॉंडोम, छाया गोली, और निश्चय किट जैसी सामग्रियों की मांग ऑनलाइन दर्ज करेंगी और स्टोर कीपर उन्हें सुगमता से उपलब्ध कराएंगे।
  • स्मार्ट मॉनिटरिंग: इस प्रणाली से जिला, प्रखंड और ग्राम स्तर पर सामग्री की निगरानी और वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।

परिवार नियोजन सेवाओं का सुदृढ़ीकरण

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा: “परिवार नियोजन सेवाओं का सुदृढ़ीकरण डिजिटल तकनीक के उपयोग से ही संभव है। FPLMIS जैसी प्रणाली के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार नियोजन सामग्री समय पर उपलब्ध हो। एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका इन सेवाओं को समुदाय तक पहुंचाने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा: “परिवार नियोजन जागरूकता और संसाधनों की उपलब्धता जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने के हमारे प्रयास का हिस्सा है। डिजिटल माध्यम से सामग्रियों की मांग और वितरण को सुचारू बनाना हमारी प्राथमिकता है। यह प्रशिक्षण स्वास्थ्य कर्मियों को सक्षम बनाएगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में हर परिवार को उनकी आवश्यकता के अनुसार स्वास्थ्य सेवाएं मिलें।”

स्वास्थ्य कर्मियों को दिए गए दिशा निर्देश

  1. समुदाय में जागरूकता फैलाना: स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया गया कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में परिवार नियोजन और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाएं।
  2. डिजिटल उपकरणों का उपयोग: FPLMIS के साथ-साथ अन्य डिजिटल साधनों का उपयोग कर स्वास्थ्य कार्यक्रमों को अधिक प्रभावी बनाएं।
  3. समय पर रिपोर्टिंग: सभी कार्यक्रमों की प्रगति रिपोर्ट समय पर सुनिश्चित करें, जिससे योजनाओं का अनुश्रवण बेहतर हो सके।

समुदाय पर सकारात्मक प्रभाव

प्रभारी चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि डिजिटल प्रणाली और परिवार नियोजन जागरूकता के माध्यम से वे समुदाय में बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह पहल न केवल जनसंख्या स्थिरीकरण में मदद करेगी, बल्कि स्वस्थ समाज के निर्माण में भी सहायक होगी।

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा: “यह प्रशिक्षण कार्यक्रम ‘स्वस्थ समाज, समृद्ध समाज’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। परिवार नियोजन सेवाओं का डिजिटल रूप से सुदृढ़ीकरण किशनगंज जिले को स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने का मार्ग प्रशस्त करेगा।”

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