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किशनगंज के 6 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का 27-28 मार्च को होगा राज्यस्तरीय निरीक्षण।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

किशनगंज जिले के 6 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (HWC) को राज्यस्तरीय एनक्वास (NQAS) प्रमाणीकरण के लिए 27 और 28 मार्च को निरीक्षण के तहत रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन इस निरीक्षण की पूरी तैयारी में जुटे हुए हैं। जिन केंद्रों का निरीक्षण होगा उनमें HWC मोतिहारा, भोगडाबर, धनतोला, बैसा गोपालगंज, झाला, और डेरामारी शामिल हैं।

आज सपोर्टिंग सुपरविजन विजिट के तहत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कोचाधामन स्थित HWC डेरामारी का निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने स्थानीय मुखिया से सहयोग मांगा ताकि केंद्र में डस्टबिन, पेयजल और अन्य आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके। जिला गुणवत्ता आश्वासन समिति (DQAC) के प्रभारी सुमन सिन्हा ने बताया कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए हर छोटी-बड़ी जरूरत को पूरा किया जा रहा है ताकि निरीक्षण के दौरान सभी HWC बेहतरीन प्रदर्शन कर सकें।

“स्थानीय सहभागिता से मिलेगा बेहतर परिणाम” – जिलाधिकारी विशाल राज

जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि एनक्वास प्रमाणीकरण सिर्फ स्वास्थ्य केंद्रों के निरीक्षण तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को नई ऊंचाई देने का एक बड़ा अवसर है। उन्होंने कहा कि अगर सभी स्थानीय प्रतिनिधि इसमें सक्रिय भूमिका निभाएं तो हम अपने स्वास्थ्य केंद्रों को मॉडल सेंटर बना सकते हैं। उन्होंने मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों से अपील की कि वे इस कार्य में पूरा सहयोग दें और अपने क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करें।

“साफ-सफाई और आधुनिक सुविधाएं जरूरी” – सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम

सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्वच्छता और आधुनिक चिकित्सा सुविधाएं बेहद जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों को स्वच्छ और सुव्यवस्थित बनाना हमारी प्राथमिकता है। एनक्वास प्रमाणीकरण के बाद इन केंद्रों को आधुनिक उपकरण, प्रशिक्षित स्टाफ और उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं मिलेंगी, जिससे ग्रामीण मरीजों को दूर शहरों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

“गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी” – सुमन सिन्हा

DQAC प्रभारी सुमन सिन्हा ने बताया कि निरीक्षण से पहले सभी व्यवस्थाओं की बारीकी से जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमें एनक्वास प्रमाणीकरण के हर मानक पर खरा उतरना होगा। इसलिए हम हर HWC में सफाई, दवाओं की उपलब्धता, चिकित्सा उपकरणों की स्थिति और स्टाफ की दक्षता को बेहतर बनाने के प्रयास कर रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि ये केंद्र जिले के बेहतरीन स्वास्थ्य केंद्रों में शामिल हों।

राज्यस्तरीय निरीक्षण में क्या होगा मूल्यांकन?

27 और 28 मार्च को होने वाले निरीक्षण में निम्नलिखित पहलुओं का मूल्यांकन किया जाएगा:

  • HWC की स्वच्छता और हाइजीन मानकों की स्थिति
  • मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं और सेवाओं की गुणवत्ता
  • आपातकालीन सेवाओं की तत्परता और स्वास्थ्य कर्मियों की दक्षता
  • टीकाकरण और मातृ-शिशु देखभाल सेवाओं की उपलब्धता
  • चिकित्सा उपकरणों, दवाओं और आवश्यक संसाधनों की स्थिति

स्वास्थ्य विभाग यह सुनिश्चित कर रहा है कि इन सभी मानकों पर हर HWC बेहतरीन प्रदर्शन करे और जिले को राज्यस्तरीय प्रमाणीकरण प्राप्त हो।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार से ग्रामीणों को होगा सीधा लाभ:

  • इलाज के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी
  • गांव में ही आपातकालीन चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी
  • बेहतर स्वच्छता और हाइजीन से बीमारियों में कमी आएगी
  • निःशुल्क दवाएं और नियमित जांच की सुविधा मिलेगी
  • गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं को विशेष लाभ मिलेगा

“स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सभी का सहयोग जरूरी”

जिलाधिकारी विशाल राज ने सभी पंचायत प्रतिनिधियों, मुखियाओं और ग्रामीणों से अपील की है कि वे इस पहल में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। यह केवल एक निरीक्षण नहीं है, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई दिशा देने का अवसर है। अगर सभी स्थानीय प्रतिनिधि और पंचायतें इसमें सहयोग करें तो किशनगंज जिला स्वास्थ्य सुविधाओं में एक नया कीर्तिमान स्थापित कर सकता है।

किशनगंज के HWC मोतिहारा, भोगडाबर, धनतोला, बैसा गोपालगंज, झाला और डेरामारी का राज्यस्तरीय एनक्वास निरीक्षण 27 और 28 मार्च को होगा। इसके लिए सभी तैयारियां अंतिम चरण में हैं। आज डेरामारी HWC में सुपरविजन विजिट के दौरान स्थानीय मुखिया से डस्टबिन और अन्य सुविधाओं के लिए सहयोग की अपील की गई। स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय प्रतिनिधियों के संयुक्त प्रयास से यह पहल ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं में बड़ा बदलाव लाएगी। इससे गांव में ही उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी, जिससे मरीजों का समय, पैसा और जीवन दोनों सुरक्षित रहेंगे।

“हर नागरिक को घर के पास ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा मिले – यही हमारा लक्ष्य है।”

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