बीरबल महतो, सारस न्यूज, ठाकुरगंज।
प्राकृतिक आपदाओं के कारण किसानों को कई बार नुकसान उठाना पड़ता है। इस वजह से राज्य के किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है। जिससे कि वह सही से खेती नहीं कर पाते। इस समस्या का समाधान करने के लिए बिहार सरकार के कृषि विभाग के उद्यान निदेशालय ने विशेष उद्यानिक फसल योजना का आरंभ किया गया है। पूर्णियां कमिश्नरी क्षेत्र के चारों जिलों में किसानों को सबल बनाने, चाय की खेती की रकवा को बढाने तथा किसानों की आमदनी को दुगुना करने के उद्देश्य से विशेष उद्यानिक फसल योजना अंतर्गत चाय को शामिल कर वर्ष 2021-22 से नई योजना के रूप में प्रारंभ किया गया है। इसके लिए उद्यान निदेशालय एवं राज्य बागवानी मिशन, बिहार ने पूर्व से ही चाय उत्पादन कर रही किशनगंज जिला के अलावे पूर्णियां, कटिहार एवं अररिया जिला में चाय उत्पादन के इच्छुक किसानों से आगामी 15 जनवरी तक ऑनलाइन आवेदन की मांग की गई है।
चाय का क्षेत्र विस्तार किशनगंज, पूर्णिया, अररिया एवं कटिहार जिला में क्रियान्वित किया जाएगा। उद्यान सह राज्य बागवानी मिशन ने पूर्णियां प्रमंडल के इन चारों जिलों में चाय के क्षेत्र विस्तार के लिए चाय के पौध रोपण सामग्री का क्रय स्वयं कृषक के द्वारा किया जाएगा। चाय क्षेत्र का विस्तार में अनुमानतः 4 लाख 94 हजार प्रति हेक्टेयर लागत मूल्य या वास्तविक लागत आता है। जिसमें उद्यान सह राज्य बागवानी मिशन के द्वारा चाय उत्पादन क्षेत्र में विस्तार के लिए लागत या वास्तविक लागत का 50 प्रतिशत अर्थात 2 लाख 47 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर चाय की खेती करने वाले कृषकों को देय अनुदान दो किस्तों में 75ः25 के अनुसार दिया जाएगा। इस घटक हेतु लाभुक कृषक को द्वितीय किस्त का अनुदान प्रथम वर्ष की भौतिक उपलब्धि के आलोक में लगाये गये पौधे का 90 प्रतिशत पौधा जीवित रहने के उपरांत वित्तीय वर्ष 2022-23 में किया जाएगा। किसानों के चयन हेतु जिला के लक्ष्य अन्तर्गत 16 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा एक प्रतिशत अनुसूचित जनजाति की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। कृषक चयन में 30 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाएगा। नियमानुसार सहायतानुदान डीबीटी कार्यक्रम के तहत सीएफएमएस द्वारा भुगतान किया जाएगा।
इस संबंध में जिला उद्यान के सहायक निदेशक डॉ. रजनी सिन्हा ने बताया कि किशनगंज जिला को विशेष उद्यानिक फसल योजना के तहत 75 हेक्टेयर क्षेत्रफल में चाय की नई प्लांटेशन के लिए आवेदन ली जा रही है। योजना के लाभ के लिए किसान प्रखंड उद्यान कार्यालय या जिला उद्यान कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। किसानों को पहले आओ पहले पाओ के आधार पर योजना का लाभ दिया जाएगा। वहीं अनुदान की राशि सीधे किसानों के खाते में स्थानांतरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि योजना का मुख्य उद्देश्य लोगों को चाय की खेती के लिए प्रोत्साहित करना है। इससे लोगों में हरियाली और पेड़- पौधों को रोपित करने का भाव उत्पन्न होगा।इसके बाद आपको अपने किसान पंजीकरण नंबर को डालने की आवश्यकता होगी, जो कि किसान रजिस्ट्रेशन करने पर आपको प्राप्त होता है।