सारस न्यूज, किशनगंज।
मंगलवार को बिहार प्रदेश मुखिया संघ के आह्वान पर ग्राम पंचायत को मिलनेवाली बुनियादी सरकारी योजनाओं से वंचित किये जाने को लेकर प्रखंड मुखिया संघ ने 18 सूत्री मांगों को लेकर प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया। धरना के उपरांत अपने मांगों का ज्ञापन प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष सोगरा नाहिद के नेतृत्व में मुख्यमंत्री बिहार के नाम का ज्ञापन को प्रखण्ड विकास पदाधिकरी सुमित कुमार के माध्यम से सौंपा गया। ग्राम पंचायत को मिलनेवाली बुनियादी सरकारी योजनाओं से वंचित किये जाने को लेकर पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के आलोक में अपने हक के लिए गत 16 अगस्त से हड़ताल पर चल रहे है। इसी क्रम में 18 सूत्री मांगों को लेकर प्रखंड के मुखियाओं ने वार्ड सदस्यों के साथ धरना पर बैठे थे।
उक्त धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही दल्लेगांव पंचायत की मुखिया सह प्रखंड मुखिया संघ के अध्यक्ष सोगरा नाहिद ने बताया कि ग्राम पंचायत को 73वां संविधान संशोधन के तहत 29 अधिकारों को पूर्ण रूपेण सौंपे जाने, ग्राम सभा की रक्षा हेतु पारित निर्णय का अनुपालन, ग्राम सभा से चयनित योजनाओं को प्राथमिकता देने सहित कुल 18 सूत्री मांग शामिल है जिससे ग्राम पंचायत का सर्वांगीण विकास सम्भव है उसे तत्कालीन सरकार द्वारा कटौती की जा रही है, जिसे किसी कीमत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुखिया सोगरा नाहिद ने कहा कि प्रखंड के बरचौंदी मुखिया प्रतिनिधि बीरेंद्र प्रसाद सिंह पर अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई निर्माण कार्य को ले ठाकुरगंज पुलिस द्वारा बिना जांच पड़ताल कर प्राथमिकी दर्ज किया जाना निराधार एवं गलत है जबकि उक्त स्थल पर अपशिष्ट प्रसंस्करण इकाई (डब्लूपीयू) निर्माण कार्य के लिए अंचल अधिकारी ठाकुरगंज द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र निर्गत किया गया था। मुखिया प्रतिनिधि बीरेंद्र सिंह पर किए गए एफआईआर को पुलिस प्रशासन वापस ले अन्यथा इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक सहित अन्य वरीय अधिकारियों को की जाएगी।
वही मौके पर मौजूद बेसरबाटी पंचायत के मुखिया अनुपमा देवी ठाकुर ने कहा कि सरकार त्रिस्तरीय पंचायत के जनप्रतिनिधियों के साथ सौतेलापन व्यवहार कर रही है जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हम अपने हक व अधिकार के लिए इस लड़ाई को चरणबद्ध तरीके से पटल तक पहुचाएंगे। इस मौके पर मुख्य रूप से खारूदह पंचायत के मुखिया मो जाकिर आलम, डुमरिया पंचायत के लतिफुर रहमान, रसिया के फुलेश्वर प्रसाद सिंह, चुरली के वीरेंद्र पासवान, बंदरझुला के एकरामुल हक, मुखिया प्रतिनिधि वीरेंद्र सिंह, मुन्ना सिंह, दिलशाद राही, तौहीद आलम, सोहेल अख़्तर उर्फ राजा सहित तमाम पंचायतों के मुखिया, उनके प्रतिनिधि व वार्ड सदस्य मौजूद रहे।
