फुलकाहा थाना क्षेत्र के बथनाहा-बीरपुर सड़क मार्ग में लक्ष्मीपुर के समीप मंगलवार की दोपहर एसएसबी 56वीं बटालियन के फुलकाहा बीओपी के सहायक सेनानायक सूरज गेंकवाड़ के नेतृत्व में जवानों ने एक पिकअप वाहन पर लदे एक सौ बोरा यूरिया खाद, दस बोरा जिंक को जब्त किया है। इस दौरान खाद व्यवसायी व चालक को भी दबोचा गया है। गिरफ्तार आरोपित नरपतगंज प्रखंड के बसमतिया बाजार निवासी हरिनंदन साह पिता स्वर्गीय सुखदेव साह बताया जाता है।
एसएसबी ने बताया कि आरोपित हरिनंदन साह का बसमतिया बाजार में खाद दुकान है और कालाबाजारी के माध्यम से यह नेपाल भेजा करते हैं लगातार इनकी शिकायत मिल रही थी। गिरफ्तार किए गए चालाक बसमतिया बाजार का हीं निवासी लक्ष्मण कुमार है। गिरफ्तार आरोपित एवं जब्त खाद को फारबिसगंज कृषि विभाग के हवाले किया गया है।
खेती-बारी का मौसम आते ही तस्करों का गिरोह यूरिया की तस्करी में जुट गया है। बड़े पैमाने पर बिहार से यूरिया की खेप नेपाल पहुंचाई जा रही है। नेपाल में धान की खेती के अलावा चाय बगान में भी यूरिया की काफी मांग है। नेपाल की खुली सीमा हमेशा से तस्करों के लिए मुफीद रही है। दरअसल, बढ़ती मांग और अधिक कीमत मिलने से सीमावर्ती क्षेत्रों के तस्कर गिरोह सक्रिय हैं।
सारस न्यूज टीम, किशनगंज/फुलकाहा।
फुलकाहा थाना क्षेत्र के बथनाहा-बीरपुर सड़क मार्ग में लक्ष्मीपुर के समीप मंगलवार की दोपहर एसएसबी 56वीं बटालियन के फुलकाहा बीओपी के सहायक सेनानायक सूरज गेंकवाड़ के नेतृत्व में जवानों ने एक पिकअप वाहन पर लदे एक सौ बोरा यूरिया खाद, दस बोरा जिंक को जब्त किया है। इस दौरान खाद व्यवसायी व चालक को भी दबोचा गया है। गिरफ्तार आरोपित नरपतगंज प्रखंड के बसमतिया बाजार निवासी हरिनंदन साह पिता स्वर्गीय सुखदेव साह बताया जाता है।
एसएसबी ने बताया कि आरोपित हरिनंदन साह का बसमतिया बाजार में खाद दुकान है और कालाबाजारी के माध्यम से यह नेपाल भेजा करते हैं लगातार इनकी शिकायत मिल रही थी। गिरफ्तार किए गए चालाक बसमतिया बाजार का हीं निवासी लक्ष्मण कुमार है। गिरफ्तार आरोपित एवं जब्त खाद को फारबिसगंज कृषि विभाग के हवाले किया गया है।
खेती-बारी का मौसम आते ही तस्करों का गिरोह यूरिया की तस्करी में जुट गया है। बड़े पैमाने पर बिहार से यूरिया की खेप नेपाल पहुंचाई जा रही है। नेपाल में धान की खेती के अलावा चाय बगान में भी यूरिया की काफी मांग है। नेपाल की खुली सीमा हमेशा से तस्करों के लिए मुफीद रही है। दरअसल, बढ़ती मांग और अधिक कीमत मिलने से सीमावर्ती क्षेत्रों के तस्कर गिरोह सक्रिय हैं।
Leave a Reply