सारस न्यूज, किशनगंज।
15 वर्षों में भी आयरन मुक्त शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए ठाकुरगंज नगर के वार्ड नं. 01 प्रखंड कार्यालय परिसर तथा वार्ड नं. 09 बस पड़ाव के समीप निर्मित दो जलमीनारों से एक बूंद पानी भी नगरवासियों को अब तक मयस्सर नहीं हो पाया है। इन दो जलमीनारों के निर्माण कार्य में लाखों रुपए पानी की तरह खर्च किए गए हैं पर ठाकुरगंज नगरवासियों को 15 वर्षों में भी शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया नहीं जा सका। 15 वर्षों में तो जलमीनार से लोगों के घरों तक बिछाए गए पाइप भी बर्बाद हो चुके हैं। रखरखाव के अभाव में जलमीनार स्थल खंडहर में तब्दील हैं। पंप एवं आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट यंत्रों में जंग लग चुके हैं पर इसकी सुधि लेने वाला कोई नहीं है। विभागीय उदासीनता के कारण यह जलमीनार अब नगरवासियों के लिए मात्र शोभा की वस्तु बनी हुई है। विभागीय कर्मियों का कहना है कि इस संयंत्र को स्थापित करने के उपरांत जमीन के अंदर पाईप किस दिशा व मार्ग से गुजरी है, उसकी जानकारी लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को नहीं है क्योंकि इसका मैप भी विभागीय अधिकारी सुरक्षित नहीं रख पाए हैं।
बताते चलें कि नगरवासियों को लौहमुक्त पेयजल मुहैया कराने के लिए शहरी जलापूर्ति योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2007-08 में नगर में 1.68 करोड़ की लागत से दो जलमीनार बनाए गए थे। जलमीनार से जल आपूर्ति के लिए नगर पंचायत क्षेत्र में भूमिगत पाइप बिछाया गया था। पंप एवं आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट प्लांट लगाकर पंचायत के लगभग 20 हजार की आबादी को शुद्ध पेजयल मुहैया कराने की योजना थी। नगर क्षेत्र के लोगों को अशुद्ध व लौह युक्त पानी के पीने से होने वाले बीमारियों से बचाने के लिए सरकार द्वारा शुद्ध पेयजल योजना के तहत नगर के दो भागों में जलमीनार का निर्माण कराया गया था। इसकी जिम्मेवारी लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग किशनगंज को दी गई थी पर पीएचईडी के उदासीन रवैया के कारण यह लोक हितकारी योजना पूरी तरह से फ्लॉप साबित हुई। इस संबंध में नपं ठाकुरगंज के मुख्य पार्षद प्रमोद कुमार चौधरी बताते हैं कि 15 वर्ष पूर्व बने जलमीनार से निकलने वाली पाइप लाइन पूरी तरह डैमेज हो जाने से नगरवासियों को जलापूर्ति मुहैया कराने में काफी तकनीकी खर्च आ रहा था। जिस कारण इन बीमार जलमीनार को पीएचईडी से उस वक्त नगर प्रशासन ने हैंडओवर नहीं लिया गया। पीएचईडी द्वारा निर्मित जलमीनार के संयंत्र की व्यवस्था चरमराई हुई है। कहीं वाटर पाइप फटा है तो कहीं पाइप ही गायब है। नगर में लगे सभी वाटर स्टैंड नष्ट हो चुके हैं। इस बात की शिकायत बार-बार लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पदाधिकारियों से करने के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई थी। इसी दौरान मुख्यमंत्री हर घर नल का जल योजना के तहत नगरवासियों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति कराने के उद्देश्य से हर वार्ड में एक-एक वाटर पम्प लगाने हेतु कार्रवाई प्रारंभ कर दी गई। नगर के सभी वार्डो में मोटर संचालित पम्प लगाए गए हैं। घर- घर पाइपलाइन बिछाते हुए निर्धारित समय पर शुद्ध जल आपूर्ति कराई जा रही हैं। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि लाखों राशि की लागत से बनी दोनों जलमीनार योजना की जांच कर समुचित कार्रवाई की जाए।
वहीं लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग किशनगंज के कार्यपालक अभियंता दयाशंकर प्रसाद ने बताया कि उक्त मामले मेरे संज्ञान में नहीं था। अब इसकी पूर्ण जानकारी उपलब्ध करा आवश्यक कार्रवाई करते हुए जलापूर्ति के लिए सार्थक प्रयास किए जाएंगे।

