किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड से सटे गलगलिया की अंतर्राज्यीय सीमा पर ओवरलोड वाहनों की अवैध गतिविधियां इन दिनों अपने चरम पर हैं। बिहार की सीमा पश्चिम बंगाल से सटी होने के कारण, कोयला, बालू और गिट्टी से लदे ओवरलोड ट्रकों की अवैध एंट्री बिना किसी रोक-टोक के लगातार जारी है। यह अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है, जिसमें कई सफेदपोश लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं, जो इन ओवरलोड वाहनों की सीमा पार करवाने में मदद कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस प्रक्रिया से न केवल सरकारी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि नवनिर्मित हाईवे भी इन ओवरलोड वाहनों के कारण तेजी से क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। सीमांचल क्षेत्र में कोयला, बालू, और गिट्टी की भारी मांग के चलते यह समस्या और गंभीर हो गई है।
गलगलिया से लेकर अररिया और आसपास के इलाकों में यह अवैध समूह सक्रिय है। यह समूह ओवरलोड ट्रकों की अवैध आवाजाही से बड़ी मात्रा में पैसा कमा रहा है, जिससे सरकार को भारी राजस्व नुकसान हो रहा है। इन अवैध गतिविधियों के जरिए सरकारी खजाने को भारी आर्थिक क्षति हो रही है।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिले के ठाकुरगंज प्रखंड से सटे गलगलिया की अंतर्राज्यीय सीमा पर ओवरलोड वाहनों की अवैध गतिविधियां इन दिनों अपने चरम पर हैं। बिहार की सीमा पश्चिम बंगाल से सटी होने के कारण, कोयला, बालू और गिट्टी से लदे ओवरलोड ट्रकों की अवैध एंट्री बिना किसी रोक-टोक के लगातार जारी है। यह अवैध कारोबार बड़े पैमाने पर चल रहा है, जिसमें कई सफेदपोश लोग भी शामिल बताए जा रहे हैं, जो इन ओवरलोड वाहनों की सीमा पार करवाने में मदद कर रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, इस प्रक्रिया से न केवल सरकारी राजस्व का भारी नुकसान हो रहा है, बल्कि नवनिर्मित हाईवे भी इन ओवरलोड वाहनों के कारण तेजी से क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। सीमांचल क्षेत्र में कोयला, बालू, और गिट्टी की भारी मांग के चलते यह समस्या और गंभीर हो गई है।
गलगलिया से लेकर अररिया और आसपास के इलाकों में यह अवैध समूह सक्रिय है। यह समूह ओवरलोड ट्रकों की अवैध आवाजाही से बड़ी मात्रा में पैसा कमा रहा है, जिससे सरकार को भारी राजस्व नुकसान हो रहा है। इन अवैध गतिविधियों के जरिए सरकारी खजाने को भारी आर्थिक क्षति हो रही है।
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