सारस न्यूज, किशनगंज।
मंगलवार को संध्या माघी अमावस्या के अवसर पर ठाकुरगंज नगर स्थित रेलवे फाटक के समीप श्री श्री सिद्धपीठ काली मंदिर में धार्मिक अनुष्ठान एवं पुजा अर्चना कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम से आयोजित की गई। खासकर बंगाली समुदाय के परंपरा के अनुसार ढाक-बाजे के साथ मां काली की पूजा अर्चना की गई। इस अवसर पर मां के भक्तों की अपार भीड़ उमड़ी। इस दौरान नगर के लोगों में आस्था दिखा। इस शुभ अवसर आध्यात्मिक स्वतंत्रता और आनंद का जश्न मनाने के लिए लोगों ने दीपक जलाए। पूजा अर्चना के दौरान मां को भोग भी चढ़ाया गया।
इस संबंध में मंदिर के पुरोहित मुन्ना पांडे ने बताया कि हिंदू पंचांग अनुसार माघ कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या या मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इस दिन पवित्र नदी, कुंड या जलाशय में स्नान करना बेहद फलदायी होता है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार जो लोग भी माघ अमावस्या पर अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म करते हैं, उनके पितरों की आत्माएं तृप्त होकर उन्हें अपना आशीर्वाद प्रदान करती हैं। जिससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
उन्होंने बताया कि मौनी अमावस्या पर्व पर दान करने से अनिष्ट ग्रहों की पीड़ा का शमन होता है जिससे वर्ष भर सुख-समृद्धि घर में निवास करती है। धर्मशास्त्र में प्राप्त वर्णन के अनुसार इस दिन दान करने से सब प्रकार के पापों का क्षय, सब प्रकार की आधियों, व्याधियों का निवारण होता है। राशि के अनुसार वस्तुओं का दान करने से जीवन में ग्रह बल प्राप्त होता है। मौनी अमावस्या के पर्व पर भगवान शंकर जी का रुद्राभिषेक करने का विधान है। अमावस्या के दिन सूर्य-चंद्रमा का मिलन होता है, चंद्रमा, सूर्य से अस्त हो जाता है, अमावस्या पर चंद्रमा से संबंधित सफेद वस्तुएं जैसे चीनी, चावल, दूध, दही आदि का दान करने से चंद्रमा अनुकूल होता है, दानकर्ता को मानसिक शांति और सफलता मिलती है। स्नान के पश्चात् गौ, अन्न, वस्त्र, स्वर्ण, रजत इत्यादि या अन्य कोई भी सुलभ वस्तु दान करने का महत्व है।
इस अवसर पर मंदिर समिति के मोहितोष राहा उर्फ मंता दा, नरेश ठाकुर, सुजीत अधिकारी, सुभाष घोष, राकेश चौधरी उर्फ गज्जू, राजेश कुमार सोनी आदि मुख्य रूप से मौजुद थे।
