सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
किशनगंज: गलगलिया में इन दिनों बाढ़ की स्थिति काफी गंभीर हो गई है। हाल ही की भारी बारिश और नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार तेज बारिश से कोसी और मेची नदियों का जलस्तर काफी बढ़ गया है, जिससे दर्जनों गांवों में पानी घुस चुका है और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है।
नेपाल की तराई क्षेत्रों में हो रही लगातार भारी बारिश और स्थानीय नदियों के उफान से गलगलिया और आसपास के इलाकों में बाढ़ ने भयावह रूप धारण कर लिया है। कोसी, मेची और अन्य नदी समेत कई छोटी-बड़ी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे दिघलबैंक, बहादुरगंज, ठाकुरगंज और गलगलिया प्रखंडों के दर्जनों गांव पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं।
गलगलिया और आसपास की स्थिति
- गलगलिया, दिघलबैंक, बहादुरगंज और ठाकुरगंज प्रखंडों के दर्जनों गांव जलमग्न हो चुके हैं।
- लोग लगातार सुरक्षित स्थानों पर शरण ले रहे हैं और प्रशासन द्वारा सीमित राहत शिविर लगाए गए हैं, मगर सुविधाएं वहां भी बहुत कम हैं।
- कई जगहों पर सड़कें, बाजार, स्कूल और घर पूरी तरह पानी में डूब गए हैं। किसनों की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं।
- कटाव और जलभराव के कारण कई परिवारों को हर साल अपने घर छोड़कर जाना पड़ता है।

प्रशासनिक एवं राहत कार्य
- किशनगंज प्रशासन राहत और बचाव कार्य में लगा है: नाव व खाद्य सामग्री पहुंचाई जा रही है, लेकिन लोगों को पर्याप्त राहत नहीं मिल पा रही।
- विशेषज्ञों के अनुसार, जब तक नदी तटों को मजबूत और कटावरोधी नहीं किया जाएगा, ऐसी आपदा हर साल आती रहेगी।
राज्य-स्तरीय खबरें और अलर्ट
- बिहार के कई जिलों में इस साल अक्टूबर तक बार-बार भारी बारिश से बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। अगले कुछ दिनों तक भी मौसम विभाग ने यलो और रेड अलर्ट जारी रखा है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
- ग्रामीणों का कहना है कि हर साल सरकार सर्वे करती है, आश्वासन देती है, लेकिन ठोस इंतजाम नदारद हैं।
- कई लोग प्रशासन से तात्कालिक राहत और लंबी अवधि के लिए ठोस बाढ़ एवं कटाव नियंत्रण उपायों की मांग कर रहे हैं।
इस तरह गलगलिया और आसपास के इलाकों में लगातार बारिश और नदियों के जलस्तर में बढ़ोतरी से बाढ़ की गंभीर स्थिति बनी हुई है, जिससे लाखों लोग प्रभावित हैं और राहत कार्य जारी है।