प्रखंड के शीशाबाड़ी में अखिल विश्व गायत्री परिवार, प्रशाखा कोचाधामन द्वारा वार्षिक गायत्री यज्ञ सह संस्कार महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गायत्री परिवार के प्रखंड समन्वयक पंचानंद सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जिसमें गायत्री परिवार के सिद्धांतों, विचारों और ज्ञान पर चर्चा की गई।
दिव्य वातावरण में श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण इस महोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। आयोजक बृजमोहन सिंह की उपस्थिति में हरिश्चंद्र प्रसाद सिंह एवं उनकी टोली द्वारा प्रस्तुत प्रज्ञा संगीत से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा।
ज्ञान का महत्व–श्यामानंद झा
कार्यक्रम में गायत्री परिवार के वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक श्यामानंद झा ने ज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा:
“ज्ञान ही मनुष्य का परम मित्र है और अज्ञान उसका परम शत्रु। ज्ञानी व्यक्ति कर्म में लिप्त होते हुए भी उससे आसक्त नहीं होता, इसलिए वह कर्म बंधनों से मुक्त रहता है। ज्ञान केवल जीवन के सत्य का दर्शन ही नहीं कराता, बल्कि मनुष्य को सही बोलने और व्यवहार करने की शिक्षा भी देता है। ज्ञानी व्यक्ति के लिए यह संसार ही स्वर्ग बन जाता है और वह जहां भी रहता है, वहां स्वर्गिक वातावरण का सृजन कर लेता है।“
कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता
इस आयोजन की सफल संचालन और व्यवस्था में बृजमोहन सिंह, हरिश्चंद्र प्रसाद सिंह, राजेंद्र सिंह, पंचानंद सिंह, सीता देवी, कौशल्या देवी, अंजू झा, उमेश प्रसाद सिंह, ब्रह्मदेव यादव, रेणु देवी, रघुनाथ सिंह, साबू लाल सिंह, चंद्र मोहन सिंह, कुसुम लाल सिंह, राजेंद्र दास, सिप्टी प्रसाद सिंह, वीणा देवी और चेतनारायण सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सराहनीय भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में गायत्री परिवार के सिद्धांतों और आदर्शों को आत्मसात करने पर विशेष बल दिया गया और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सभी को प्रेरित किया गया।
सारस न्यूज़, कोचाधामन, किशनगंज।
प्रखंड के शीशाबाड़ी में अखिल विश्व गायत्री परिवार, प्रशाखा कोचाधामन द्वारा वार्षिक गायत्री यज्ञ सह संस्कार महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम गायत्री परिवार के प्रखंड समन्वयक पंचानंद सिंह की अध्यक्षता में संपन्न हुआ, जिसमें गायत्री परिवार के सिद्धांतों, विचारों और ज्ञान पर चर्चा की गई।
दिव्य वातावरण में श्रद्धा और भक्ति से परिपूर्ण इस महोत्सव में विभिन्न क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। आयोजक बृजमोहन सिंह की उपस्थिति में हरिश्चंद्र प्रसाद सिंह एवं उनकी टोली द्वारा प्रस्तुत प्रज्ञा संगीत से संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा।
ज्ञान का महत्व–श्यामानंद झा
कार्यक्रम में गायत्री परिवार के वरिष्ठ प्रज्ञा पुत्र, राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक श्यामानंद झा ने ज्ञान की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा:
“ज्ञान ही मनुष्य का परम मित्र है और अज्ञान उसका परम शत्रु। ज्ञानी व्यक्ति कर्म में लिप्त होते हुए भी उससे आसक्त नहीं होता, इसलिए वह कर्म बंधनों से मुक्त रहता है। ज्ञान केवल जीवन के सत्य का दर्शन ही नहीं कराता, बल्कि मनुष्य को सही बोलने और व्यवहार करने की शिक्षा भी देता है। ज्ञानी व्यक्ति के लिए यह संसार ही स्वर्ग बन जाता है और वह जहां भी रहता है, वहां स्वर्गिक वातावरण का सृजन कर लेता है।“
कार्यक्रम में सक्रिय सहभागिता
इस आयोजन की सफल संचालन और व्यवस्था में बृजमोहन सिंह, हरिश्चंद्र प्रसाद सिंह, राजेंद्र सिंह, पंचानंद सिंह, सीता देवी, कौशल्या देवी, अंजू झा, उमेश प्रसाद सिंह, ब्रह्मदेव यादव, रेणु देवी, रघुनाथ सिंह, साबू लाल सिंह, चंद्र मोहन सिंह, कुसुम लाल सिंह, राजेंद्र दास, सिप्टी प्रसाद सिंह, वीणा देवी और चेतनारायण सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने सराहनीय भूमिका निभाई।
कार्यक्रम में गायत्री परिवार के सिद्धांतों और आदर्शों को आत्मसात करने पर विशेष बल दिया गया और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए सभी को प्रेरित किया गया।