बिंदु अग्रवाल की कविता #77 (शीर्षक:-तुम्हारी गलियां…)
Post Views: 1,284 तुम्हारी गलियां आज बरसों बाद अचानकउस रास्ते से गुजरी हूं…मुझे मालूम है तुम वहां नहीं हो..तुम्हें वह गली छोड़े ना जाने,कितने ही दिन गुजर गए …अब तो…
बिंदु अग्रवाल की कविता #76 (शीर्षक:-तुम्हारी यादें…)
Post Views: 543 तुम्हारी यादें आज बरसों बाद अचानकउसे रस्ते से गुजरी हूं…मुझे मालूम है तुम वहां नहीं हो..तुम्हें वह गली छोड़े ना जाने,कितने ही दिन गुजर गए …अब तो…
बिंदु अग्रवाल की कविता #75 (शीर्षक:-वर दे वीणावादिनी…)
Post Views: 452 वर दे वीणावादिनी वर दे वीणावादिनी,जय माँ तू हंसवाहिनीहृदय तिमिर को मिटातू ज्योत ज्ञान की जला। अज्ञानता की कालिमा काअब ना अट्टहास हो,दैदिप्यमान हो धराप्रकाश ही प्रकाश…
बिंदु अग्रवाल की कविता #74 (शीर्षक:-बच्चों की चाह…)
Post Views: 295 बच्चों की चाह हम फूल हैं नन्ही बगिया के,हमसे ही दुनिया महकेगी।विद्यालय जाएंगे जब हम,शिक्षा की ज्योति चमकेगी। जो ठाना है हमने मन में ,हम वह करके…
बिंदु अग्रवाल की कविता #73 (शीर्षक:-प्रेम गा रहा है।…)
Post Views: 491 प्रेम गा रहा है। कल तक थी धूप आज कोहरा घना छा रहा है ।मौसम भी 14 जनवरी से यूं इश्क निभा रहा है ।। करवट बदली…
बिंदु अग्रवाल की कविता #72 (शीर्षक:-आत्म शक्ति…)
Post Views: 273 आत्म शक्ति है तुझ में धैर्य हिमालय साहै तुझ में शक्ति धरा सी प्रबल ।है शीतलता तुझ में चंदा सीहै तेज तुममें दिनकर सा प्रखर। है मंथन…
बिंदु अग्रवाल की कविता #71 (शीर्षक:-सिर्फ तुम्हारा इंतजार…)
Post Views: 187 सिर्फ तुम्हारा इंतजार मैं धीरे-धीरे जला रही हूं उन खतों कोजो तुमने मुझे कभी लिखे ही नहीं।वह तो अनायास ही पनप गए थे ,मेरे दिल के किसी…
बिंदु अग्रवाल की कविता #70 (शीर्षक:-अपना कह सकूं तुम्हें…)
Post Views: 425 अपना कह सकूं तुम्हें पिघलेगा एक दिन पत्थर दिल भी तुम्हाराजरा आंखों से इजाजत लेने तो दीजिए।घुल जाएगी खुशबू सांसों में तुम्हारीजरा धड़कनों से इजाजत तो लेने…
बिंदु अग्रवाल की कविता #69 (शीर्षक:-अधूरे ख्वाब सी जिंदगी…)
Post Views: 376 अधूरे ख्वाब सी जिंदगी कभी उगते सूरज सा एहसासकभी ढलती शाम सी है जिंदगी । कभी भटकती राहेंकभी एक मुकाम सी है जिंदगी। कभी समंदर सी गहरीकभी…
बिंदु अग्रवाल की कविता #68 (शीर्षक:-गुनहगार हूं मैं…)
Post Views: 168 गुनहगार हूं मैं माना कि तुम्हारी मोहब्बत का गुनहगार हूं मैंपर तुमसे जुदा होकर कहां आबाद हूं मैं ।। खाना है पर भूख नहीं बिस्तर है पर…
बिंदु अग्रवाल की कविता # 67 (शीर्षक:-चुनौतियां इंसान को सशक्त बनाती है…)
Post Views: 634 चुनौतियां इंसान को सशक्त बनाती है चुनौतियां हमारे जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। चुनौती के बिना मानव जीवन निरस और उबाऊ हो जाता है। चुनौती से…
बिंदु अग्रवाल की कविता # 66 (शीर्षक:-इंतजार में तुम्हारे…)
Post Views: 271 इंतजार में तुम्हारे विरह तप्त हृदय मेरा तुम चीर मिलन बन आओ,प्यासा मेरे हृदय का उपवन घनघोर घटा बन छाओ। प्रिय दरस को व्याकुल नैना तुम इनमें…
