बाढ़ नियंत्रण जल निस्सरण प्रमंडल किशनगंज। सहायक अभियंता शुक्रवार को बाढ़ नियंत्रण एवं जल निस्सरण विभाग की टीम के भारत नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी से होने वाले कटाव क्षेत्र व स्थल का निरीक्षण किया। बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल किशनगंज के सहायक अभियंता राकेश चौधरी एवं कनीय अभियंता हरिद्वार सिंह ने ठाकुरगंज अंचल अंतर्गत चुरली पंचायत के खटखटी व क़ुर्लीकोर्ट गांव के समीप मेची नदी किनारे बने नवनिर्मित इंडो-नेपाल बॉर्डर सड़क का भी निरीक्षण किया। इसके अलावे बॉर्डर पर अवस्थित खटखटी एसएसबी बीओपी का भी जायजा लिया। स्थानीय लोगों ने उक्त द्वय अभियंताओं को बताया कि हालांकि गत 24 घण्टों से बारिश न होने से मेची नदी के जल स्तर में कमी आई हैं लेकिन क़ुर्लीकोर्ट गांव के समीप नदी के कटाव बार्डर रोड के समीप आ चुका है। इस कटाव स्थल पर समय रहते कटाव रोधक कार्य नहीं कराए गए तो सीमा सड़क भी नदी की चपेट में आ जाएगी और पंचायत के दर्जनों गांवों में नदी के उफनाने पर जलमग्न हो जाएंगे।गांव वालों ने अभियंताओं से कहा कि बार्डर सड़क के निर्माण से कई गांवों में अब मेची नदी के बाढ़ का पानी गांव में नहीं घुसता हैं, पर इस सीमा सड़क के बगल से बहने वाली मेची नदी से सुरक्षित रखने के लिए सड़क का बोल्डर पिचिंग की सख्त आवश्यकता है। यदि समय रहते सड़क को सुरक्षित नहीं किया गया तो सड़क के साथ साथ कई गांव भी नदी में समा सकता है। हजारों एकड़ में फसल बर्बाद हो सकते हैं। इस दौरान बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम ने कटाव स्थल का गहन मुआयना किया। इसके बाद विभाग की टीम ने अंचल के अन्य स्थानों का भी जायजा लिया।
बाढ़ नियंत्रण व जल निस्सरण विभाग के सहायक अभियंता राकेश चौधरी ने बताया किकटाव स्थल की भौतिक स्थिति के संबंध में विभाग के वरीय अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। तत्काल कटाव को रोकने के लिए जरूरी उपाय किए जाएंगे एवं स्थायी निदान के लिए बार्डर सड़क निर्माण कार्यकारी एजेंसी से कटाव रोधक कार्य कराए जाएंगे ताकि इलाके को बाढ़ की त्रासदी से बचाया जा सके।
फ़ोटो:- चुरली पंचायत के क़ुर्लीकोर्ट गांव के समीप नेपाल सीमा पर बहने वाली मेची नदी से हो रहे कटाव स्थल का निरीक्षण करते विभागीय अभियंता।