सारस न्यूज टीम, पटना।
बिहार में शत प्रतिशत साक्षर बनाने के लिए एक नई योजना शुरू की जा रही है। नवभारत साक्षरता कार्यक्रम नामक यह योजना केंद्र प्रायोजित है। इसके तहत चालू वित्तीय वर्ष में 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के नौ लाख 40 हजार निरक्षरों को साक्षर बनाने का लक्ष्य है। योजना में पांचवीं और उससे ऊपर की कक्षाओं के छात्र अपने परिवार के निरक्षर सदस्यों को पढ़ाएंगे। टीचर्स ट्रेनिंग कालेजों के छात्र भी तीन से चार निरक्षरों को प्रति वर्ष साक्षर करेंगे। इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर सभी 38 जिलों में एक-एक नोडल अफसरों को अहम जिम्मेदारी दी गई है।
कार्ययोजना के मुताबिक योजना के कार्यान्वयन के लिए स्कूल इकाई होगा। पूरी योजना आनलाइन मोड में लागू होगी। स्वयंसेवकों के प्रशिक्षण, कार्यशालाएं आमने-सामने मोड में होंगी। सभी सामग्री और संसाधन निबंधित स्वयंसेवकों को डिजिटल मोड जैसे-टीवी, रेडियो, सेलफोन आधारित ओपेन-सोर्स एप-पोर्टल आदि के माध्यम से उपलब्ध होंगे।
योजना के संचालन हेतु स्कूलों और उच्च शिक्षा संस्थानों में आइसीटी एवं अन्य बुनियादी ढांचे सामान्य सेवा केंद्रों (सीएससी), सामुदायिक केंद्रों का उपयोग होगा। नेहरू युवा केंद्र, राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) एवं नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) के स्वयंसेवक-कैडेट, सीएसओ समुदाय, गृहणियों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों को स्वयंसेवक के रूप में प्रोत्साहित कर निरक्षरों को साक्षर बनाया जाएगा।
फेसबुक, ट्विटर, इंस्ट्राग्राम, वाट्स-एप, यू-ट्यूब, टीवी चैनल, रेडियो जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म सहित सभी प्रकार के मीडिया-इलेक्ट्रानिक, प्रिंट, लोक एवं इंटर पर्सनल प्लेटफार्म के उपयोग से निरक्षरों को साक्षर किया जाएगा। कोई भी निरक्षर आनलाइन टीचिंग, लर्निंग एंड असेसमेंट सिस्टम के माध्यम से किसी भी स्थान पर सीधे पंजीकरण करा सकते हैं और योजना का लाभ उठा सकेंगे।
निरक्षरों को डिजिटल साक्षरता, वित्तीय साक्षरता, कानूनी साक्षरता, आपदा प्रबंधन, कौशल, बाल देखभाल और पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता साक्षरता, परिवार कल्याण के मुद्दे, व्यायाम, योग, तंबाकू का उपयोग बंद करना, प्राथमिक चिकित्सा देखभाल, सड़क यातायात दुर्घटना आदि के बारे जागरूक किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि साक्षरता की नई योजना इसी माह से लागू करने की तैयारी है। इसके लिए कार्ययोजना बन गई है और उस पर शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी से स्वीकृति भी ले ली गई है। योजना के क्रियान्वयन पर खर्च होने वाली कुल राशि में 60 प्रतिशत केंद्र सरकार और 40 प्रतिशत राज्य सरकार व्यय करेगी।