भारत-नेपाल सीमा के मेची नदी में दोनों देश के लोग आज शाम पहला अर्घ्य के साथ मनाएंगे छठ पर्व, चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था हेतू दोनों देश के सुरक्षा एजेंसियों ने बनाई योजना।
भारत-नेपाल का सीमा क्षेत्र गलगलिया-भद्रपुर के बीच स्थित मेची नदी में बिहार, बंगाल एवं नेपाल के सीमावासी आज शाम पहला अर्घ्य के साथ छठ पर्व मनाएंगे।जिसको लेकर दोनों देश के लोगों की तैयारी अंतिम चरण में है। मेची नदी में होने वाले छठ पूजा का घाट भारत के दो राज्य बंगाल, बिहार एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के झापा जिला से जुड़ा हुआ है जहां दोनों देश के लोग मेची नदी के एक ही घाट पर पूजा करते हैं। इसकी विशेषता को देखकर दोनों देश के भक्तजनों सहित मैथिल समाज एवं यूनिक समूह भद्रपुर द्वारा सामूहिक रूप से घाट की सफाई के साथ मेची नदी को नई दुल्हन के रूप में सजाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। भद्रपुर नगरपालिका की सहायता से उक्त दोनों ही समितियाँ मेची नदी पर छठ पर्व को भव्यता बनाने हेतु मेची नदी में बिजली की रोशनी, स्वच्छता, सड़क, पेयजल प्रबंधन, सुरक्षा बिट्स, स्वागत द्वार, हेल्प डेस्क इत्यादि की सुविधाओं से लैस कर छठ पर्व मनाने की तैयारी कर रही है। इस बार, चूंकि नदी पूरब की ओर से बह रही है, इसलिए नदी पर अलग से अस्थायी बांस का पुल बनाने की जरूरत नहीं है। यहां के मेची नदी में मनाए जाने वाले छठ पर्व की नेपाल देश में एक विशिष्ट पहचान है। यह देखने योग्य है कि भारत और नेपाल के करीब 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस नदी पर एक साथ आते हैं और इस स्थल पर करीब पांच हजार से ज्यादा पूजा स्थल का घाट बनाकर छठ पर्व मनाते हैं। नेपाल में मधेशी समुदाय के अलावे अब पहाड़ी, मारवाड़ी, बंगाली, राजवंसी और अन्य समुदाय के लोग भी मेची नदी में छठ पर्व मना रहे हैं। बताया गया कि जनकपुर के बाद नेपाल के लोगों के लिए यह दूसरा स्थान है जहाँ भव्य तरीके से छठ पूजा होती है। करीब दो किलोमीटर लंबी क्षेत्र में नदी के दोनों तरफ भारत व नेपाल के करीब 05 हजार से ज्यादा घाट बनाकर छठ पर्व मनाई जा रही है।
इस तरह है सुरक्षा की योजना:
50 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ आने का लक्ष्य लेकर मेची नदी के छठ में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए दोनों देश के सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुरक्षा योजना बना ली गई है। आयोजन समिति, भद्रपुर नगरपालिका, सशस्त्र प्रहरी एवं भारतीय सुरक्षाकर्मी के संयुक्त कार्य द्वारा पर्व के दिन मेची नदी में 250 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी की तैनाती एवं परिचालन होंगी, जिसमें 150 की संख्या में नेपाल की स्थानीय व ट्रैफिक पुलिस तथा 100 के करीब सेना के जवान रहेंगे। साथ ही भारतीय एसएसबी एवं गलगलिया पुलिस भी तैनात रहेगी। झापा के डीएसपी ने बताया कि नदी में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त बनाने के लिए भारतीय सुरक्षा कर्मियों से समन्वय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पूजा स्थल पर संभावित आपराधिक और अराजक गतिविधियों को रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर पुलिस इकाइयां, पैदल गश्ती दल और मोबाइल गश्ती दल तैनात किये जायेंगे।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
भारत-नेपाल का सीमा क्षेत्र गलगलिया-भद्रपुर के बीच स्थित मेची नदी में बिहार, बंगाल एवं नेपाल के सीमावासी आज शाम पहला अर्घ्य के साथ छठ पर्व मनाएंगे।जिसको लेकर दोनों देश के लोगों की तैयारी अंतिम चरण में है। मेची नदी में होने वाले छठ पूजा का घाट भारत के दो राज्य बंगाल, बिहार एवं पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के झापा जिला से जुड़ा हुआ है जहां दोनों देश के लोग मेची नदी के एक ही घाट पर पूजा करते हैं। इसकी विशेषता को देखकर दोनों देश के भक्तजनों सहित मैथिल समाज एवं यूनिक समूह भद्रपुर द्वारा सामूहिक रूप से घाट की सफाई के साथ मेची नदी को नई दुल्हन के रूप में सजाने के लिए दिन-रात काम कर रही है। भद्रपुर नगरपालिका की सहायता से उक्त दोनों ही समितियाँ मेची नदी पर छठ पर्व को भव्यता बनाने हेतु मेची नदी में बिजली की रोशनी, स्वच्छता, सड़क, पेयजल प्रबंधन, सुरक्षा बिट्स, स्वागत द्वार, हेल्प डेस्क इत्यादि की सुविधाओं से लैस कर छठ पर्व मनाने की तैयारी कर रही है। इस बार, चूंकि नदी पूरब की ओर से बह रही है, इसलिए नदी पर अलग से अस्थायी बांस का पुल बनाने की जरूरत नहीं है। यहां के मेची नदी में मनाए जाने वाले छठ पर्व की नेपाल देश में एक विशिष्ट पहचान है। यह देखने योग्य है कि भारत और नेपाल के करीब 50 हजार से ज्यादा श्रद्धालु इस नदी पर एक साथ आते हैं और इस स्थल पर करीब पांच हजार से ज्यादा पूजा स्थल का घाट बनाकर छठ पर्व मनाते हैं। नेपाल में मधेशी समुदाय के अलावे अब पहाड़ी, मारवाड़ी, बंगाली, राजवंसी और अन्य समुदाय के लोग भी मेची नदी में छठ पर्व मना रहे हैं। बताया गया कि जनकपुर के बाद नेपाल के लोगों के लिए यह दूसरा स्थान है जहाँ भव्य तरीके से छठ पूजा होती है। करीब दो किलोमीटर लंबी क्षेत्र में नदी के दोनों तरफ भारत व नेपाल के करीब 05 हजार से ज्यादा घाट बनाकर छठ पर्व मनाई जा रही है।
इस तरह है सुरक्षा की योजना:
50 हजार से ज्यादा लोगों की भीड़ आने का लक्ष्य लेकर मेची नदी के छठ में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए दोनों देश के सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सुरक्षा योजना बना ली गई है। आयोजन समिति, भद्रपुर नगरपालिका, सशस्त्र प्रहरी एवं भारतीय सुरक्षाकर्मी के संयुक्त कार्य द्वारा पर्व के दिन मेची नदी में 250 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी की तैनाती एवं परिचालन होंगी, जिसमें 150 की संख्या में नेपाल की स्थानीय व ट्रैफिक पुलिस तथा 100 के करीब सेना के जवान रहेंगे। साथ ही भारतीय एसएसबी एवं गलगलिया पुलिस भी तैनात रहेगी। झापा के डीएसपी ने बताया कि नदी में सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सख्त बनाने के लिए भारतीय सुरक्षा कर्मियों से समन्वय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि पूजा स्थल पर संभावित आपराधिक और अराजक गतिविधियों को रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर पुलिस इकाइयां, पैदल गश्ती दल और मोबाइल गश्ती दल तैनात किये जायेंगे।
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