सारस न्यूज, वेब डेस्क।
निर्मला ठाकुर का जन्म 1942 ई. में उत्तर प्रदेश के ज़िला आजमगढ़ में ‘महुई’ नामक ग्राम में हुआ था। निर्मला जी प्रख्यात आलोचक मलयज की बहन थीं। बचपन से ही मलयज और शमशेर सिंह का इन्हें सान्निध्य प्राप्त हुआ था। इन्होंने ‘इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ से हिन्दी में एम. ए. की डिग्री प्राप्त की थी। व्यावसायिक शुरुआत अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात् निर्मला ठाकुर ‘आकाशवाणी इलाहाबाद’ में कार्यक्रम अधिशाषी के रूप में काम करने लगीं।
यहीं से वर्ष 2002 में सहायक केंद्र निदेशक के रूप में सेवा निवृत्त हुईं। विवाह वर्ष 1963 में अपने परिवार से विद्रोह कर निर्मला ठाकुर ने कहानीकार दूधनाथ सिंह के साथ प्रेम विवाह किया था। लेखन कार्य’ इलाहाबाद विश्वविद्यालय’ से परास्नातक निर्मला ठाकुर ने वर्ष 1960 से कविता लिखनी शुरू की। उस दौर की प्रमुख पत्रिकाओं नई कविता, धर्मयुग, लहर, कल्पना, युगवाणी, झंकार और कृति आदि में उनकी कविताएं लगातार प्रकाशित हुईं।
2005 में उनका काव्य संग्रह ‘कई रूप-कई रंग’ और 2014 में ‘हंसती हुई लड़की’ ‘राधाकृष्ण प्रकाशन’ से प्रकाशित हुआ। निधन अंतिम दिनों में निर्मला ठाकुर आर्थराइटिस की मरीज हो गई थीं। तमाम इलाज के बाद भी सुधार नहीं हुआ। बल्कि समय के साथ दूसरे अन्य रोगों ने उन्हें दबोच लिया। 20 नवम्बर, 2014 को झूँसी (इलाहाबाद) स्थित उनके आवास पर निर्मला ठाकुर का निधन हुआ। निर्मला ठाकुर की जिंदादिली, मेहमान नवाजी और सहयोगी रवैये ने उन्हें साहित्य जगत् में मशहूर कर दिया था।