डेंगू एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन समय रहते सावधानी और जागरूकता से इससे पूरी तरह बचाव संभव है। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 के मौके पर “चेक, क्लीन, कवर – स्टेप टू डीफीट डेंगू” की थीम पर जिलेभर में जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने सिविल सर्जन कार्यालय परिसर से एक भव्य जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें स्कूली बच्चों, स्वास्थ्यकर्मियों और आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वहीं जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों और विद्यालयों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। जगह-जगह बैनर, पोस्टर व पंपलेट्स के माध्यम से लोगों को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचाव की जानकारी दी गई। स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकालकर डेंगू मच्छर से बचने के संदेश दिए।
बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्क हुआ स्वास्थ्य विभाग जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंज़र आलम ने बताया कि डेंगू एडिस एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन के समय काटता है और साफ, स्थिर पानी में पनपता है। उन्होंने बताया, “बीते तीन वर्षों में किशनगंज जिले में डेंगू के 45 मामले सामने आए हैं — वर्ष 2023 में 29, 2024 में 16 और 2025 में अब तक कोई मामला नहीं, जो राहत की बात है लेकिन सावधानी जरूरी है।” “लोगों को डेंगू के प्रति संवेदनशील बनाना और साफ-सफाई की आदत को बढ़ावा देना ही इसका स्थायी समाधान है।”
डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय डॉ. आलम ने बताया कि डेंगू के मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, बदन दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द, चकत्ते, नाक-मसूढ़ों से खून आना, काला मल शामिल हैं। उन्होंने लोगों से दिन में भी मच्छरदानी का उपयोग करने, पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने और घर के अंदर-बाहर पानी जमा नहीं होने देने की अपील की। कूलर, गमले, फ्रिज की ट्रे, फूलदान आदि का पानी रोजाना बदलना चाहिए। जमा पानी पर मिट्टी का तेल डालना भी उपयोगी है।
जानलेवा है डेंगू, समय पर उपचार अनिवार्य सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि डेंगू से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है – मच्छरों को पनपने से रोकना। उन्होंने कहा, “एडिस मच्छर घर के आसपास साफ पानी में पनपता है। यदि हम अपने घर और आस-पास की सफाई रखें और पानी का जमाव न होने दें, तो इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है।”
मुफ्त इलाज और परामर्श की सुविधा उपलब्ध सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। डेंगू या चिकनगुनिया से संबंधित जानकारी और परामर्श के लिए लोग टोल फ्री नंबर 104 पर संपर्क कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि डेंगू जैसे रोगों से लड़ाई अकेले सरकारी स्तर पर नहीं जीती जा सकती। इसके लिए सामूहिक सहभागिता की आवश्यकता है। अगर हर नागरिक अपने घर और मोहल्ले की सफाई को लेकर सजग रहेगा, तो डेंगू की रोकथाम एक सशक्त सामाजिक आंदोलन बन सकता है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
डेंगू एक जानलेवा बीमारी है, लेकिन समय रहते सावधानी और जागरूकता से इससे पूरी तरह बचाव संभव है। इसी उद्देश्य से राष्ट्रीय डेंगू दिवस 2025 के मौके पर “चेक, क्लीन, कवर – स्टेप टू डीफीट डेंगू” की थीम पर जिलेभर में जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने सिविल सर्जन कार्यालय परिसर से एक भव्य जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिसमें स्कूली बच्चों, स्वास्थ्यकर्मियों और आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। वहीं जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, उप स्वास्थ्य केंद्रों और विद्यालयों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। जगह-जगह बैनर, पोस्टर व पंपलेट्स के माध्यम से लोगों को डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से बचाव की जानकारी दी गई। स्कूली बच्चों ने प्रभात फेरी निकालकर डेंगू मच्छर से बचने के संदेश दिए।
बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्क हुआ स्वास्थ्य विभाग जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंज़र आलम ने बताया कि डेंगू एडिस एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है, जो दिन के समय काटता है और साफ, स्थिर पानी में पनपता है। उन्होंने बताया, “बीते तीन वर्षों में किशनगंज जिले में डेंगू के 45 मामले सामने आए हैं — वर्ष 2023 में 29, 2024 में 16 और 2025 में अब तक कोई मामला नहीं, जो राहत की बात है लेकिन सावधानी जरूरी है।” “लोगों को डेंगू के प्रति संवेदनशील बनाना और साफ-सफाई की आदत को बढ़ावा देना ही इसका स्थायी समाधान है।”
डेंगू के लक्षण और बचाव के उपाय डॉ. आलम ने बताया कि डेंगू के मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, बदन दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द, चकत्ते, नाक-मसूढ़ों से खून आना, काला मल शामिल हैं। उन्होंने लोगों से दिन में भी मच्छरदानी का उपयोग करने, पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने और घर के अंदर-बाहर पानी जमा नहीं होने देने की अपील की। कूलर, गमले, फ्रिज की ट्रे, फूलदान आदि का पानी रोजाना बदलना चाहिए। जमा पानी पर मिट्टी का तेल डालना भी उपयोगी है।
जानलेवा है डेंगू, समय पर उपचार अनिवार्य सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने कहा कि डेंगू से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है – मच्छरों को पनपने से रोकना। उन्होंने कहा, “एडिस मच्छर घर के आसपास साफ पानी में पनपता है। यदि हम अपने घर और आस-पास की सफाई रखें और पानी का जमाव न होने दें, तो इस बीमारी से काफी हद तक बचा जा सकता है।”
मुफ्त इलाज और परामर्श की सुविधा उपलब्ध सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में निशुल्क जांच और इलाज की सुविधा उपलब्ध है। डेंगू या चिकनगुनिया से संबंधित जानकारी और परामर्श के लिए लोग टोल फ्री नंबर 104 पर संपर्क कर सकते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि डेंगू जैसे रोगों से लड़ाई अकेले सरकारी स्तर पर नहीं जीती जा सकती। इसके लिए सामूहिक सहभागिता की आवश्यकता है। अगर हर नागरिक अपने घर और मोहल्ले की सफाई को लेकर सजग रहेगा, तो डेंगू की रोकथाम एक सशक्त सामाजिक आंदोलन बन सकता है।
Leave a Reply