रविवार को रथयात्रा के मौके पर नक्सलबाड़ी प्रखंड के रथखोला में लोगों द्वारा भक्तिभाव के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा-अर्चना की गयी। श्रद्धालुओं ने दर्शन कर भगवान से अपने परिवार की सुख-शांति के लिए कामना की। रथखोला में जगन्नाथ रथयात्रा धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। चारों ओर विभिन्न रंगों की आकर्षक छटा दिखाई पड़ रही थी। यात्रा के दौरान व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर प्रसाद का वितरण किया। भगवान श्री जगन्नाथ रथखोला रथयात्रा कमिटी तत्वावधान में आयोजित रथ यात्रा महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रथ यात्रा में हजारों लोगों ने भाग लेकर रथ को गंतव्य की ओर बढ़ाया। कार्यक्रम सुबह के समय भगवान जगनन्नाथ का दुग्धाभिषेक से शुरू हुआ। श्रद्धालु हाथों से रथ खींच रहे थे। रथ के रस्से को पकड़ने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ रही।
इस संबंध में रथखोला रथयात्रा कमिटी के अध्यक्ष विधुत दास ने बताया कि नक्सलबाड़ी के रथखोला स्थित मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को पूरे विधि-विधान के साथ पुरोहित के साथ रथयात्रा निकाल कर उन्हें मौसी घर तक पहुंचाया गया। फिर सात दिन बाद वहां से वापस लाया जायेगा। उन्होंने कहा नक्सलबाड़ी के रथखोला का रथयात्रा इस बार 55 वें साल में प्रवेश किया है। दास ने बताया कि इस रथयात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं शामिल हुए। वहीं दूसरी ओर रथयात्रा को लेकर नक्सलबाड़ी व खोरीबाड़ी के बतासी सहित अन्य जगहों में भी धूमधाम से रथ यात्रा निकाली गई और लोगों ने भगवान की दर्शन और पूजा-अर्चना की किए । रथ यात्रा यात्रा में पुलिस बल भी मौजूद रहे ताकि कोई अप्रिय घटना न घटित हो सकें।इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था की गई है । वहीं 300 से अधिक स्टॉल भी लगाए गए हैं ।
नेपाल तथा बिहार सहित विभिन्न इलाकों से आते हैं :
समाजसेवी व तृणमूल नेता किशोरी मोहन सिंह ने कहा कि दार्जिलिंग जिले में नक्सलबाड़ी का रथखोला रथयात्रा मेला सबसे बड़ा है । यहां केवल नक्सलबाड़ी के ही लोग नहीं बल्कि खोरीबाड़ी , बागडोगरा , नेपाल तथा बिहार सहित विभिन्न इलाकों से यहां लोग मेले का आनंद लेने आते हैं और भगवान जगन्नाथ से अपने परिवार की सुख-शांति के लिए कामना करते हैं। वहीं रिहान अली राजा ने बताया कि नेपाल व बिहार सीमांत से सटे खोरीबाड़ी प्रखंड के बतासी में भी रथयात्रा के मौके पर मेले का आयोजन होने से हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है।
सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
रविवार को रथयात्रा के मौके पर नक्सलबाड़ी प्रखंड के रथखोला में लोगों द्वारा भक्तिभाव के साथ भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की पूजा-अर्चना की गयी। श्रद्धालुओं ने दर्शन कर भगवान से अपने परिवार की सुख-शांति के लिए कामना की। रथखोला में जगन्नाथ रथयात्रा धूमधाम से निकाली गई। इस दौरान श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। चारों ओर विभिन्न रंगों की आकर्षक छटा दिखाई पड़ रही थी। यात्रा के दौरान व्यापारियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों पर प्रसाद का वितरण किया। भगवान श्री जगन्नाथ रथखोला रथयात्रा कमिटी तत्वावधान में आयोजित रथ यात्रा महोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। रथ यात्रा में हजारों लोगों ने भाग लेकर रथ को गंतव्य की ओर बढ़ाया। कार्यक्रम सुबह के समय भगवान जगनन्नाथ का दुग्धाभिषेक से शुरू हुआ। श्रद्धालु हाथों से रथ खींच रहे थे। रथ के रस्से को पकड़ने के लिए श्रद्धालुओं में होड़ रही।
इस संबंध में रथखोला रथयात्रा कमिटी के अध्यक्ष विधुत दास ने बताया कि नक्सलबाड़ी के रथखोला स्थित मंदिर से भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा को पूरे विधि-विधान के साथ पुरोहित के साथ रथयात्रा निकाल कर उन्हें मौसी घर तक पहुंचाया गया। फिर सात दिन बाद वहां से वापस लाया जायेगा। उन्होंने कहा नक्सलबाड़ी के रथखोला का रथयात्रा इस बार 55 वें साल में प्रवेश किया है। दास ने बताया कि इस रथयात्रा में सैकड़ों श्रद्धालुओं शामिल हुए। वहीं दूसरी ओर रथयात्रा को लेकर नक्सलबाड़ी व खोरीबाड़ी के बतासी सहित अन्य जगहों में भी धूमधाम से रथ यात्रा निकाली गई और लोगों ने भगवान की दर्शन और पूजा-अर्चना की किए । रथ यात्रा यात्रा में पुलिस बल भी मौजूद रहे ताकि कोई अप्रिय घटना न घटित हो सकें।इसके अलावा सीसीटीवी कैमरे की भी व्यवस्था की गई है । वहीं 300 से अधिक स्टॉल भी लगाए गए हैं ।
नेपाल तथा बिहार सहित विभिन्न इलाकों से आते हैं :
समाजसेवी व तृणमूल नेता किशोरी मोहन सिंह ने कहा कि दार्जिलिंग जिले में नक्सलबाड़ी का रथखोला रथयात्रा मेला सबसे बड़ा है । यहां केवल नक्सलबाड़ी के ही लोग नहीं बल्कि खोरीबाड़ी , बागडोगरा , नेपाल तथा बिहार सहित विभिन्न इलाकों से यहां लोग मेले का आनंद लेने आते हैं और भगवान जगन्नाथ से अपने परिवार की सुख-शांति के लिए कामना करते हैं। वहीं रिहान अली राजा ने बताया कि नेपाल व बिहार सीमांत से सटे खोरीबाड़ी प्रखंड के बतासी में भी रथयात्रा के मौके पर मेले का आयोजन होने से हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ती है।
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