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सिलीगुड़ी में 23 अगस्‍त से खुल जाएगा बालासान ब्रिज, जान जोखिम में डालकर रेलवे ब्रिज से चल रहे थे लोग, बंगाल पुलिस ने संभाला मोर्चा।

सारस न्यूज, सिलिगुड़ी।

बालासन ब्रिज से आवागमन बंद होते ही स्थानीय लोगों की मुसीबत बढ़ गई है। जिसके बाद स्थानीय लोग जान जोखिम में डाल कर इस पार से उस पार आवाजाही के लिए बालासन नदी पर बने रेलवे ब्रिज का इस्तेमाल करने करने लगे। इसकी सूचना मिलते ही माटीगाड़ा थाना पुलिस वहां पहुंची और  बिना देर किए रेलवे ब्रिज के दोनों ओर पुलिसकर्मियों की तैनाती कर दिया।

वहीं ब्रिज से आवाजाही बंद होने से आस-पास के लोग मुश्किल में हैं। बालासन नदी के इस पार से उस पार महज 300 मीटर जाने के लिए उन्हें ब्रिज के अभाव में करीब 15 किलोमीटर का अतिरिक्त चक्कर लगाना पड़ रहा है। यही कारण है कि शुक्रवार सुबह से ही स्थानीय लोग शार्टकट तरीका अपनाते हुए बालासन नदी पर बने रेलवे ब्रिज के जरिए आना- जाना करने लगे। उनका यह कदम काफी खतरे से भरा हुआ था। जब कभी भी इस पर ट्रेन आ सकती है और ऐसी स्थिति में रेल ब्रिज से भागना उनके लिए संभव नहीं है। इसकी खबर माटीगाड़ा थाना को मिलते ही दोपहर 12 बजे के करीब पुलिस मौके पर पहुंची तथा ब्रिज के दोनों ओर पहरेदारी शुरू कर दी गई। इसके बाद भी लोगों को जान मुश्किल में डालते हुए इधर-उधर से बालासन नदी को पार करते हुए देखा गया।

बताते चलें कि पिछले साल अक्टूबर महीने में बालासन ब्रिज के एक पिलर के क्षतिग्रस्त होने के कारण दिक्कत आने लगी थी। वाहनों को गुजारने के लिए अस्थाई तौर पर इस पर बेली ब्रिज बना दिया गया। हालांकि बेली ब्रिज के चलते सीमित गाडिय़ां ही ब्रिज से होकर गुजर पा रही थीं। इस बीच बालासन ब्रिज के क्षतिग्रस्त पिलर की मरम्मत का कार्य भी जारी रहा। काम पूरा होने के बाद बेली ब्रिज को खोलने का निर्णय लिया गया। इसके खुलते ही बालासन ब्रिज से आवागमन पूरी तरह से स्वाभाविक हो जाएगा।

दूसरी ओर इन चार दिनों तक रूट को डायवर्ट कर दिया गया है। सभी गाडिय़ां शिव मंदिर, मेडिकल मोड़, नौकाघाट ,बर्दवान रोड होते हुए आवाजाही कर रही है। वहीं मालवाही वाहनों को बाईपास होते हुए फूलबाड़ी के रास्ते शहर से बाहर निकाला जा रहा है। जबकि पहाड़ से आवाजाही करने वाली गाडिय़ों को बेंगडूबी, पानीघाटा व गाड़ीधूरा के रास्ते चलाया जा रहा है।

इस बीच स्थानीय निवासी शंभु राय ने विकल्प रास्ता तैयार किए बिना बालासन ब्रिज को चार दिनों के लिए बंद करने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि एक पिलर की मरम्मत करने में लगभग एक साल का समय लगा दिया गया। वेदर ब्रिज व बेली ब्रिज के नाम पर लाखों रुपए खर्च कर दिए गए। स्थानीय लोगों की परेशानी की चिंता किसी को नहीं है। सरकारी बाबुओं को तो जनता की बिल्कुल ही चिंता नहीं है। चार दिनों का समय बहुत होता है। ब्रिज होने से माटीगाड़ा से शिवमंदिर आने में कुछ मिनटों का समय लगता है, लेकिन अब उन्हें इस तरफ से उस तरफ जाने के लिए काफ़ी परेशानी उठानी पड़ रही है।

गौरतलब है कि लोगों को जाम की मुश्किलों से बचाने के लिए झंकार मोड़ से लेकर विशाल मेगा मार्ट तक फ्लाईओवर के दूसरे हिस्से के बंद सड़क को आवागमन के लिए खोल दिया गया। फ्लाईओवर का काम चलने के कारण यहां एक तरफ से ही वाहनों की आवाजाही हो रही थी। बालासन ब्रिज के बंद होने के बाद सभी गाडिय़ां यहीं से होकर गुजर रही हैं। इसे देखते हुए फ्लाईओवर के दोनों तरफ की सड़कों को खोल दिया गया है। इससे कम से कम झंकार मोड़ पर जाम से राहत मिली है। वहीं नौकाघाट, मेडिकल मोड़, कावाखाली में ट्रैफिक पुलिस बेहद सक्रिय है।

बताते चलें कि बालासन ब्रिज पर बने बेली ब्रिज को खोलने के लिए इसे चार दिनों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। आम लोगों के लिए बालासन ब्रिज को 23 अगस्त को सुबह 6 बजे से फिर से खोल दिया जाएगा।


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