जिंदगी और मौत की जंग में हार गई एक गृहिणी, अस्पताल में चिकित्सा के दौरान ली उसने जिंदगी की अंतिम सांस। गृहिणी की मौत की खबर सुन परिवार में पसरा मातम।
दरअसल, गत 25 दिसंबर को सिलीगुड़ी के एक गृहिणी को जलाने का आरोप ससुराल वालों पर लगा था। खबर सामने आते ही शहर में सनसनी फैल गई थी। बताया जा रहा है कि 4 महीने पहले प्रियंका की शादी नरेश मोड़ के रहने वाले जयंत सिंह राय से हुआ था। आरोप था कि शादी के बाद से ही प्रियंका के पति दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से अत्याचार करता था। आरोप है कि रविवार को पति और देवर ने प्रियंका के शरीर पर तेल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। इसके बाद जली हालत में उसे सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भर्ती भी करा दिया।
जिला अस्पताल में प्रियंका की शारीरिक स्थिति बिगड़ने के बाद मायके वालों ने उसे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चार दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद प्रियंका हार गई। शुक्रवार की शाम प्रियंका का पार्थिव शरीर मायके पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मायके वालों ने प्रियंका के आरोपी पति और देवर को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।
विजय गुप्ता, सारस न्यूज, गलगलिया।
जिंदगी और मौत की जंग में हार गई एक गृहिणी, अस्पताल में चिकित्सा के दौरान ली उसने जिंदगी की अंतिम सांस। गृहिणी की मौत की खबर सुन परिवार में पसरा मातम।
दरअसल, गत 25 दिसंबर को सिलीगुड़ी के एक गृहिणी को जलाने का आरोप ससुराल वालों पर लगा था। खबर सामने आते ही शहर में सनसनी फैल गई थी। बताया जा रहा है कि 4 महीने पहले प्रियंका की शादी नरेश मोड़ के रहने वाले जयंत सिंह राय से हुआ था। आरोप था कि शादी के बाद से ही प्रियंका के पति दहेज के लिए शारीरिक और मानसिक रूप से अत्याचार करता था। आरोप है कि रविवार को पति और देवर ने प्रियंका के शरीर पर तेल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। इसके बाद जली हालत में उसे सिलीगुड़ी जिला अस्पताल में भर्ती भी करा दिया।
जिला अस्पताल में प्रियंका की शारीरिक स्थिति बिगड़ने के बाद मायके वालों ने उसे उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चार दिनों तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद प्रियंका हार गई। शुक्रवार की शाम प्रियंका का पार्थिव शरीर मायके पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया। इसके बाद शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। मायके वालों ने प्रियंका के आरोपी पति और देवर को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है।
बिंदु अग्रवाल
पराया धन
पराया धन है सुनते-सुनते
बीत गया बचपन मेरा,
सास ससुर के तानों से
मुरझा गया यौवन मेरा।
जला दिया मुझे कभी बेवजह
कभी फांसी पे झुला दिया,
कभी दहेज के लोभी लोगों ने
ज़हर घोल के पीला दिया।
मैं नारी हूँ मेरे दुःखों का
हुआ कभी भी अन्त नहीं,
एक पल भी खुशी का जीया हो
मिला कभी वो बसंत नही।
इतना कुछ करके भी देखो
कहीं ज़रा संताप नहि,
पुरुष प्रधान इस दुनिया में
नारी को इंसाफ नहि।
बिंदु अग्रवाल शिक्षिका सह कवयित्री गलगलिया,किशनगंज
बिहार
आखिर कब तक दहेज की आग में जलती रहेंगी बेटियां ?और नारा गूंजता रहेगा की बेटा बेटी एक समान।