सिलीगुड़ी शिक्षा जिला के डांगुजोत हिन्दी प्राथमिक विद्यालय में डॉ बिधान चन्द्र राय की 142 वीं जयंती मनाई गई। इस दौरान शिक्षकों व विद्यार्थियों ने बिधान चन्द्र राय की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अंबुज राय, सहायक अध्यापक सुरेंद्र बैठा, समीर चौहान, मो.इरसाद एवं पैरा शिक्षक मनोज महतो, विजय यादव व सबीता कुमारी मौजूद थे। प्रधानाध्यापक अंबुज राय ने डॉ बिधान चंद्र राय की जीवनी से विद्यार्थियों को अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने डॉक्टर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं। इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है, उन्हें जीवनदाता कहा जाता है। डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल एक जुलाई को यह दिवस देश के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र राय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर इसे मनाया जाता है।
उन्होंने कहा उनका जन्मदिवस और पुण्यतिथि दोनों इसी तारीख को पड़ती है। इस दिन पूरी चिकित्सा बिरादरी को श्रद्धांजलि पेश की जाती है और हमारे जीवन में डॉक्टरों के महत्व पर प्रकाश डाला जाता है। बताते चलें कि बिधान रॉय को आधुनिक पश्चिम बंगाल का निर्माता भी माना जात है। वे एक महान विभूति थे। शिक्षाशास्त्री, स्वतंत्रता सेनानी, एक वरिष्ठ चिकित्सक व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता और आजाद हिन्दुस्तान में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में एक नामचीन हस्ताक्षर थे।
चंदन मंडल, सारस न्यूज़, सिलीगुड़ी।
सिलीगुड़ी शिक्षा जिला के डांगुजोत हिन्दी प्राथमिक विद्यालय में डॉ बिधान चन्द्र राय की 142 वीं जयंती मनाई गई। इस दौरान शिक्षकों व विद्यार्थियों ने बिधान चन्द्र राय की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अंबुज राय, सहायक अध्यापक सुरेंद्र बैठा, समीर चौहान, मो.इरसाद एवं पैरा शिक्षक मनोज महतो, विजय यादव व सबीता कुमारी मौजूद थे। प्रधानाध्यापक अंबुज राय ने डॉ बिधान चंद्र राय की जीवनी से विद्यार्थियों को अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने डॉक्टर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि डॉक्टर जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे मरीजों का न सिर्फ इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें एक नया जीवन भी देते हैं। इसलिए उन्हें धरती पर भगवान का दर्जा दिया जाता है, उन्हें जीवनदाता कहा जाता है। डॉक्टरों के समर्पण और ईमानदारी के प्रति सम्मान जाहिर करने के लिए हर साल एक जुलाई को यह दिवस देश के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ बिधान चंद्र राय को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिए उनकी जयंती और पुण्यतिथि पर इसे मनाया जाता है।
उन्होंने कहा उनका जन्मदिवस और पुण्यतिथि दोनों इसी तारीख को पड़ती है। इस दिन पूरी चिकित्सा बिरादरी को श्रद्धांजलि पेश की जाती है और हमारे जीवन में डॉक्टरों के महत्व पर प्रकाश डाला जाता है। बताते चलें कि बिधान रॉय को आधुनिक पश्चिम बंगाल का निर्माता भी माना जात है। वे एक महान विभूति थे। शिक्षाशास्त्री, स्वतंत्रता सेनानी, एक वरिष्ठ चिकित्सक व भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महत्वपूर्ण नेता और आजाद हिन्दुस्तान में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री के रूप में एक नामचीन हस्ताक्षर थे।
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