डीजल की बढ़ती कीमत से फसल सिंचाई में किसानों को हो रही है परेशानी
एक तरफ डीजल का दाम बढ़ रहा है। दूसरी तरफ स्टेट बोरिंग बंद पड़ा है। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धवेली पंचायत स्थित कमाती एवं लोधाबाड़ी में मरम्मती व बिजली के अभाव में स्टेट बोरिंग बंद रहने से अब किसानों को सिंचाई में परेशानी हो रही है। डीजल के लगातार बढ़ रहे दाम की वजह से पंपसेट से सिंचाई करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। सिंचाई के लिए प्रखंड भर के किसान मौसम या फिर पंपसेट पर निर्भर हैं। सरकारी स्तर पर सिंचाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से परेशानी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वर्षों पूर्व जो भी नलकूप लगाए गए हैं वह या तो खराब होकर बंद पड़े हैं या फिर वह कभी चालू ही नहीं हुए। जिस कारण किसानों को अपने खेतों की सिंचाई निजी पंपसेट से करने की मजबूरी बनी हुई है। टेढ़ागाछ प्रखंड में धवेली पंचायत स्थित कमाती एवं लोधाबाड़ी में वर्ष 2006 में जिला परिषद इफ्तिखार आलम के समय में बिहार सरकार द्वारा स्टेट बोरिंग स्थानीय किसानों के खेतों में सिंचाई की सुविधा के लिए लगाया गया था। जिससे अबतक एक बार भी किसान अपने खेतों में लगे फसलों की सिंचाई नहीं कर सके, क्योंकि 17 साल से बंद पड़ा स्टेट बोरिंग आज तक चालू नहीं हुआ।वर्तमान मुखिया उमेश यादव ने बताया एक वर्ष पूर्व पीएचईडी विभाग ने यहाँ आकर स्टेट बोरिंग को चालू करने के लिए मरम्मती कार्य किया था, लेकिन उस समय बोरिंग चालू नहीं हुआ और किसानों को अबतक इससे कोई लाभ नहीं मिला है। यहाँ के किसान मूलभूत सुविधाओं से बंचित हैं। एक पंचायत में दो-दो बोरिंग रहने के बावजूद कुव्यवस्था के कारण सब के सब बंद पड़े हैं। अब यह मात्र शोभा की वस्तु बन कर रह गया है। धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। मशीनों में भी जंग लग चुका है। पूर्व मुखिया नजामुद्दीन ने बताया धवेली पंचायत में दो स्टेट बोरिंग आज से 17 साल पूर्व में चालू करने की दिशा में लगाया गया था, जो आजतक चालू नहीं हो सका है। इस योजना से यहाँ के किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि वे किसानों के मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर एसडीएम से मिलेंगे। गौरतलब हो कि टेढ़ागाछ प्रखंड में 80 प्रतिशत आबादी किसी न किसी रूप में खेती पर आश्रित है। इसके बावजूद विभिन्न समस्याओं से घिरे किसानों के इन गंभीर समस्याओं को देखने वाला कोई नहीं है। धवेली पंचायत के किसान फिरोज आलम, इम्तियाज, पप्पू राम, निजामुद्दीन, महेन्द्र प्रसाद, कुंवर सिंह एवं इम्तियाज जावेद सहित अन्य किसानों ने क्षेत्रीय विधायक अंजार नईमी से बंद पड़े सभी सरकारी स्टेट बोरिंग को चालू करने की मांग की है, ताकि किसानों को समुचित सिंचाई की सुविधा मिल सके और वे खुशहाल जिदगी जी सके। स्टेट बोरिंग खराब रहने से किसानों को खेतों में सिंचाई करने में काफी दिक्कत हो रही है। इन दिनों डीजल का मूल्य आसमान छू रहा है। दूसरी तरफ स्टेट बोरिंग बंद रहने से मुश्किलें और बढ़ गईं हैं।
सारस न्यूज, टेढ़ागाछ, किशनगंज।
डीजल की बढ़ती कीमत से फसल सिंचाई में किसानों को हो रही है परेशानी
एक तरफ डीजल का दाम बढ़ रहा है। दूसरी तरफ स्टेट बोरिंग बंद पड़ा है। टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत धवेली पंचायत स्थित कमाती एवं लोधाबाड़ी में मरम्मती व बिजली के अभाव में स्टेट बोरिंग बंद रहने से अब किसानों को सिंचाई में परेशानी हो रही है। डीजल के लगातार बढ़ रहे दाम की वजह से पंपसेट से सिंचाई करना घाटे का सौदा साबित हो रहा है। सिंचाई के लिए प्रखंड भर के किसान मौसम या फिर पंपसेट पर निर्भर हैं। सरकारी स्तर पर सिंचाई के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से परेशानी दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वर्षों पूर्व जो भी नलकूप लगाए गए हैं वह या तो खराब होकर बंद पड़े हैं या फिर वह कभी चालू ही नहीं हुए। जिस कारण किसानों को अपने खेतों की सिंचाई निजी पंपसेट से करने की मजबूरी बनी हुई है। टेढ़ागाछ प्रखंड में धवेली पंचायत स्थित कमाती एवं लोधाबाड़ी में वर्ष 2006 में जिला परिषद इफ्तिखार आलम के समय में बिहार सरकार द्वारा स्टेट बोरिंग स्थानीय किसानों के खेतों में सिंचाई की सुविधा के लिए लगाया गया था। जिससे अबतक एक बार भी किसान अपने खेतों में लगे फसलों की सिंचाई नहीं कर सके, क्योंकि 17 साल से बंद पड़ा स्टेट बोरिंग आज तक चालू नहीं हुआ।वर्तमान मुखिया उमेश यादव ने बताया एक वर्ष पूर्व पीएचईडी विभाग ने यहाँ आकर स्टेट बोरिंग को चालू करने के लिए मरम्मती कार्य किया था, लेकिन उस समय बोरिंग चालू नहीं हुआ और किसानों को अबतक इससे कोई लाभ नहीं मिला है। यहाँ के किसान मूलभूत सुविधाओं से बंचित हैं। एक पंचायत में दो-दो बोरिंग रहने के बावजूद कुव्यवस्था के कारण सब के सब बंद पड़े हैं। अब यह मात्र शोभा की वस्तु बन कर रह गया है। धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। मशीनों में भी जंग लग चुका है। पूर्व मुखिया नजामुद्दीन ने बताया धवेली पंचायत में दो स्टेट बोरिंग आज से 17 साल पूर्व में चालू करने की दिशा में लगाया गया था, जो आजतक चालू नहीं हो सका है। इस योजना से यहाँ के किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि वे किसानों के मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर एसडीएम से मिलेंगे। गौरतलब हो कि टेढ़ागाछ प्रखंड में 80 प्रतिशत आबादी किसी न किसी रूप में खेती पर आश्रित है। इसके बावजूद विभिन्न समस्याओं से घिरे किसानों के इन गंभीर समस्याओं को देखने वाला कोई नहीं है। धवेली पंचायत के किसान फिरोज आलम, इम्तियाज, पप्पू राम, निजामुद्दीन, महेन्द्र प्रसाद, कुंवर सिंह एवं इम्तियाज जावेद सहित अन्य किसानों ने क्षेत्रीय विधायक अंजार नईमी से बंद पड़े सभी सरकारी स्टेट बोरिंग को चालू करने की मांग की है, ताकि किसानों को समुचित सिंचाई की सुविधा मिल सके और वे खुशहाल जिदगी जी सके। स्टेट बोरिंग खराब रहने से किसानों को खेतों में सिंचाई करने में काफी दिक्कत हो रही है। इन दिनों डीजल का मूल्य आसमान छू रहा है। दूसरी तरफ स्टेट बोरिंग बंद रहने से मुश्किलें और बढ़ गईं हैं।
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