सारस न्यूज, वेब डेस्क।
ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में बिहार सरकार लगातार नए प्रयास कर रही है। सामाजिक और आर्थिक रूप से महिलाओं को मजबूती देने के उद्देश्य से शुरू की गई जीविका योजना को और प्रभावशाली बनाने के लिए नीतीश सरकार द्वारा विभिन्न विभागों में महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की पहल जारी है।
सरकार की इस सोच की झलक पहले सरकारी अस्पतालों में ‘दीदी की रसोई’ के रूप में दिखी, जहां भोजन व्यवस्था की जिम्मेदारी जीविका समूहों को सौंपी गई। इसके बाद अस्पतालों में स्वच्छता कार्य भी इन्हीं के हवाले किया गया।
अब सरकार ने एक और महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राज्य भर के बीडीओ (प्रखंड विकास पदाधिकारी) और सीओ (अंचल अधिकारी) कार्यालयों के साथ-साथ बिजली विभाग के दफ्तरों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी भी जीविका दीदियों को सौंपने का फैसला लिया है। इससे न केवल इन महिलाओं को स्थायी रोजगार मिलेगा, बल्कि सरकारी संस्थानों में स्वच्छता की स्थिति भी बेहतर होगी।
यह पहल सरकार की उस नीति को दर्शाती है, जिसमें ग्रामीण महिलाओं को केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि सक्रिय भागीदार के रूप में देखा जा रहा है।
