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पीएम नरेंद्र मोदी के सपने को दरभंगा एयरपोर्ट ने दी नई उड़ान, अनूठे रिकार्ड से बना बिहार की शान

Sep 12, 2021

बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दरभंगा एयरपोर्ट के महत्‍व को बताया है। यहां से उड़ान भरने वाले विमानों को पटना एयरपोर्ट से अधिक यात्री मिल रहे हैं। रोजाना यहां से दिल्ली मुंबई बेंगलुरु कोलकाता चेन्नई हैदराबाद के लिए लगभग दो हजार यात्री आवाजाही करते हैं।10 महीने पहले शुरू हुए दरभंगा एयरपोर्ट से लगातार यात्रियों की आवाजाही बढ़ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्‍ट क्षेत्रीय हवाई संपर्क योजना उड़ान में जुड़ने वाला बिहार का दरभंगा एयरपोर्ट महज 10 महीने में ही एक नजीर बन गया है। बेहद कम समय में इस एयरपोर्ट ने ट्रैफिक के मामले में नजदीकी पटना एयरपोर्ट को काफी पीछे छोड़ दिया है। बिहार सरकार के मंत्री संजय झा ने पिछले दिनों दावा किया कि पूरे देश में सबसे जल्‍दी इतनी तेजी से ट्रैफिक हासिल करने वाला यह पहला एयरपोर्ट भी बन गया है। बताते चलें कि पटना एयरपोर्ट से एक विमान में जहां औसतन 110 से 125 यात्रियों की आवाजाही हो रही है, वहीं दरभंगा में यह औसत 150 के आसपास है।
उत्‍तर बिहार के लोग दरभंगा एयरपोर्ट को कर रहे पसंद:-
बेहतर कनेक्टिविटी के चलते उत्तर बिहार के लोग पटना की जगह दरभंगा से ही हवाई यात्रा करना पसंद कर रहे हैं। आठ नवंबर, 2020 को दरभंगा एयरपोर्ट से विमानों की आवाजाही शुरू हुई थी। तब से अब तक यात्रियों की संख्या चार लाख को पार कर चुकी है। रोजाना यहां से दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद के लिए लगभग दो हजार यात्री आवाजाही करते हैं।
बिहार के 19 जिलों के यात्री लाभान्वित हो रहे:-
दरभंगा एयरपोर्ट की बढ़ती लोकप्रियता का सबसे प्रमुख कारण सुगम आवागमन है। बिहार के दूसरे एयरपोर्ट के रूप में स्थापित दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचने के लिए यात्रियों को जाम की समस्या से जूझना नहीं पड़ता है। यहां से न केवल दरभंगा बल्कि बिहार के 19 जिलों के यात्री लाभान्वित हो रहे हैं। यहां से मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, सहरसा, मधेपुरा, पूर्णिया, कटिहार, फारबिसगंज, अररिया, बेगूसराय, सीतामढ़ी सहित पड़ोसी देश नेपाल के यात्री भी आ रहे हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग 57 पर दिल्ली मोड़ के पास अवस्थित इस एयरपोर्ट तक पहुंचने में यात्रियों को कोई परेशानी नहीं होती है।
दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचने में नहीं है जाम का झाम:-
यात्रियों का कहना है कि पटना एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ने के लिए कई घंटे पहले घर से निकलना पड़ता है। दूसरी समस्या पटना गांधी सेतु पर जाम की है। यहां पता नहीं कितने घंटे जाम में फंसना पड़े। इस कारण कई बार फ्लाइट छूट जाती है, लेकिन दरभंगा एयरपोर्ट पहुंचने में कहीं भी जाम की समस्या नहीं होती। इतना ही नहीं, किराया में भी कमी के कारण यह एयरपोर्ट यात्रियों की पहली पसंद बनता जा रहा है।
कार्गो सेवा से किसान बन रहे सबल:-
दरभंगा एयरपोर्ट से कार्गो सेवा शुरू होने से यहां और आसपास के किसानों में खुशी है। यहां से लीची की खेप मुंबई भेजी गई थी। वहीं, मिथिलांचल के प्रमुख उत्पाद में से एक मखाना को अंतरराष्ट्रीय बाजार मिल गया है। पहले किसानों को अपना उत्पाद पटना भेजना पड़ता था। फिर वहां से देश व दुनिया के कई स्थानों पर उत्पादों को भेजा जाता था। आम, लीची आदि फसलों से जुड़े किसानों को इस कारण कई समस्याएं होती थीं। उत्पाद के खराब होने का डर रहता था, लेकिन अब दरभंगा से उड़ान सेवा शुरू होने के बाद आसानी से किसान अपना उत्पाद देश व दुनिया के किसी भी कोने में पहुंचा रहे हैं।
तीन से बढ़कर 18 हुई फ्लाइट की संख्या:-
जब दरभंगा एयरपोर्ट से उड़ान सेवा शुरू की गई थी, तब दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए एक-एक फ्लाइट की सुविधा थी। बाद में यात्रियों की मांग को देखते हुए फ्लाइट की संख्या बढ़ाई गई। उड़ान योजना के तहत सेवा प्रदाता कंपनी स्पाइस जेट ने इन तीनों शहरों के अलावा हैदराबाद, पुणे के लिए भी विमान सेवा शुरू की। इसके बाद इंडिगो ने दरभंगा एयरपोर्ट पर इंट्री मारी। सेवा प्रदाता कंपनी की संख्या बढऩे से फ्लाइटों की संख्या में भी इजाफा हुआ। स्पाइस जेट ने दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु जाने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा देख विमानों का फेरा बढ़ा दिया। वर्तमान में दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए दो-दो विमान उड़ान भर रहे हैं। वहीं, इंडिगो ने हैदराबाद और कोलकाता के लिए अपनी विमान सेवा शुरू की है।
विस्तार की प्रक्रिया अंतिम चरण में:-
दरभंगा एयरपोर्ट को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बनाने की पहल की जा रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसकी योजना बनाने का निर्देश अधिकारियों को दे चुके हैं। इसके तहत दरभंंगा एयरपोर्ट के नए सिविल इनक्लेव और रनवे विस्तार को ले भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है। कुल 78 एकड़ जमीन का अधिग्रहण होना है। इसमें 54 एकड़ में नए सिविल इनक्लेव व 24 एकड़ में रनवे का विस्तार किया जाएगा। वर्तमान में इंडियन एयरफोर्स की जमीन को पांच साल के लिए लीज पर लेकर एयरपोर्ट का संचालन किया जा रहा है। 

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