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कैसे इंदौर बना भारत का सबसे स्वच्छ शहर ? ठाकुरगंज जैसे छोटे शहरों के लिए क्या है सीखने वाली बात ?

Nov 21, 2021

राजीव कुमार, सारस न्यूज़ वेब डेस्क।

स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर ने एक बार फिर लगातार पांचवीं बार देश के सबसे स्वच्छ शहर का खिताब अपने नाम किया है। शनिवार की सुबह विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद के द्वारा इंदौर को स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मध्य प्रदेश के शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के साथ इंदौर के प्रशासक डॉ. पवन कुमार शर्मा और उनकी टीम ने पुरस्कार ग्रहण किया। स्वच्छता सर्वेक्षण के साथ-साथ इंदौर को सफाई मित्र सुरक्षा सम्मान से भी नवाजा गया। इंदौर को यह सम्मान स्वच्छता कर्मियों को बेहतर उपकरण और तकनीक उपलब्ध कराने के लिए दिया गया है। केंद्र सरकार ने इसी साल से सफाई मित्र सुरक्षा पुरस्कार की शुरुआत की थी और पहली बार इंदौर इस पुरस्कार को भी अपने खाते में लाने में सफल रहा है।

पुरस्कार प्राप्त करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए इंदौर नगर निगम के प्रशासक और इंदौर के आयुक्त डॉ. पवन कुमार शर्मा ने कहा, “मध्य प्रदेश और इंदौर के लिए दो अलग-अलग श्रेणियों में राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार प्राप्त करना बहुत खुशी की बात है। यह पुरस्कार इंदौर के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ-साथ पूरे इंदौर के लोगों के प्रयासों का परिणाम है। सभी के सहयोग से शहर को स्वच्छ व स्वच्छ रखने का अभियान सफल रहा। उन्होंने आगे कहा, ‘पहले के वर्षों में शहर को स्वच्छ रखने का संदेश सरकारी संस्थानों के माध्यम से दिया जाता था, नियमित अंतराल पर मोहल्ला स्तर पर अभियान चलाए जाते थे, जिसका परिणाम यह है कि आज इंदौर का हर निवासी इतना जागरूक हो गया है कि वह खुद भी स्वच्छता का ध्यान रखते हैं और दूसरों को भी स्वच्छता के लिए प्रेरित करते हैं।

डॉ. शर्मा के अनुसार एक बार में दो सम्मान मिलने से इंदौर शहर के निवासियों और सरकारी कर्मचारियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। इंदौर जिस तरह से लगातार पांच वर्षों से देश का सबसे स्वच्छ शहर बना रहा है, भविष्य में भी प्रथम बनें यह एक चुनौती है। इसके लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इंदौर ने सीवरेज और ग्राउंड क्लीनिंग को बेहतरीन स्तिथि में लाया है। अब यहां का एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स भी सुधारने का प्रयास किया जाएगा।

बता दें कि साल 2016-17 में पहली बार इंदौर स्वच्छता के मामले में देश का नंबर वन शहर बना, जिसके बाद 2017-18, 2018-19, 2019-20 में यह अवॉर्ड अपने नाम किया। इंदौर के बाद पिछले साल की तरह इस साल भी सूरत दूसरा सबसे स्वच्छ रहा, जबकि आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा को देश का तीसरा सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया।

जहां तक ​​इंदौर की बात है तो नगर निगम की सफाई व्यवस्था इतनी तेज है कि शहर में गंदगी नजर नहीं आती. शहर में कहीं भी खुला नाला नहीं बह रहा है। वहीं, शहर के प्लांटों और पार्कों के सीवरेज के पानी को ट्रीट कर सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग जगह अलग-अलग डस्टबिन लगाए गए हैं ताकि सड़कों पर गंदगी न फैले। शहर की सुंदरता को बढ़ाने के लिए अलग-अलग जगहों पर दीवारों पर आकर्षक चित्र और पेंटिंग भी बनाई गई हैं।

अन्य शहरों के लिए इंदौर से सीखने वाली बात –

निम्नलिखित उपायों को करके हम अन्य शहरों जैसे की अपने ठाकुरगंज को भी बहुत साफ और सुन्दर बना सकते हैं –

  1. जनप्रतिनिधि, प्रशाशन और आम लोगों की सामूहिक जिम्मेवारी से ही यह संभव है।
  2. कहीं भी खुला नाला न हो।
  3. दीवारों पर आकर्षक चित्र और पेंटिंग बनाया जाय।
  4. एयर क्वालिटी इंडेक्स जैसे मामलों में छोटे शहर होने के कारण यहाँ उतना प्रदुषण नहीं है। ऐसे में अभी से ही ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण कर पहले से ही भविष्य के लिए तैयार रहें।
  5. वार्ड मेंबर को नियमित अंतराल पर अपने वार्ड में लोगों से चर्चा करनी चाहिए और मिलके प्रयास करना चाहिए की अपने वार्ड को कैसे सुन्दर बनायें।
  6. नगर पंचायत और नगर के लोगों द्वारा सबसे स्वच्छ वार्ड का चयन कर पुरस्कृत किया जा सकता है ताकि प्रतिस्पर्धी भावना बने।
  7. सीवरेज के पानी का निकास यदि हो रहा हो (अभी य भविष्य में) तो वह खुला न रहे।
  8. लोगों को अपने घर के आस – पास स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है। अभी हर गली मोहल्ले में लोग, बच्चे बूढ़े बेझिझक पान मसाला गुटखा खाते हैं और कचरा रोड पर ही फैलते हैं। उसे रोकने का प्रयास हो।
  9. कुछ लोगों द्वारा सहयोग न करने की स्तिथि में प्रशाशन कड़ी कार्यवाही करे। लेकिन उससे पहले लोगों को स्वच्छ रहने के लिए प्रेरित करे।
  10. जनप्रतिनिधि जैसे की विधायक, नगरअध्यक्ष, पार्षद, मुखिया स्वयँ भी इस मामले को गंभीरता से ले, स्वतः संज्ञान लेकर समाज की भागीदारी सुनिश्चित करके सुन्दर और स्वच्छ बनाने का प्रयास करें।
  11. जो भी विभाग सड़क का का निर्माण कराता है, वह सड़क के दोनों ओर वृक्षा रोपण का काम करे एवं सड़क को सूंदर बनायें।
  12. नगर प्रशासन एवं लोग यह भी सुनिश्चित करें कि प्रत्येक वार्ड या मोहल्ला में डस्टबिन की संख्या अधिक-से-अधिक हो और कचड़ा लोगों द्वारा डस्टबिन में डाला जाय न कि सड़क के अगल-बगल में।

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