बीरबल महतो, सारस न्यूज़।
अवैध रूप से भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में दोषी करार दिए गए तीन बाग्लादेशी नागरिकों को दो साल की कैद की सजा सुनाई गई है। बुधवार को सिलीगुड़ी ज्यूडिशियल कोर्ट में सेकंड कोर्ट की जज शíमष्ठा घोष ने यह सजा सुनाई। तीनों दोषी बाग्लादेशी नागरिक का नाम मोहम्मद इब्राहिम, मोहम्मद इस्माइल तथा मोहम्मद रहीम है। दो साल पहले इन तीनों की गिरफ्तारी भारत-नेपाल सीमात पानीटंकी से हुई थी। इन तीनों दोषियों को दो साल की कैद-ए-बामशक्कत यानी सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही सभी पर तीन-तीन हजार रूपए का जुर्माना भी लगाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2019 में इन तीनों की गिरफ्तारी तब हुई थी जब यह लोग बाग्लादेश से भारतीय सीमा क्षेत्र में प्रवेश कर गए थे और फिर भारत से नेपाल जाने की कोशिश कर रहे थे। जब यह लोग नेपाल जाने की कोशिश में थे तब सीमा पर तैनात एसएसबी जवानों ने इनकी जाच की। इनके पासपोर्ट और वीजा की अवधि समाप्त हो गई थी। एसएसबी के जवानों ने तीनों को गिरफ्तार कर नक्सलबाड़ी थाना पुलिस के हवाले कर दिया था। उसके बाद से लेकर अब तक करीब दो साल तक मुकदमा चला। कई सुनवाई के बाद तीनों बाग्लादेशी को दोषी करार देते हुए बुधवार को सजा सुना दी गई।
इन तीनों के खिलाफ नक्सलबाड़ी थाना पुलिस ने फॉरेनर्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट दाखिल की थी। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तीनों के खिलाफ पुलिस ने पुख्ता सबूत जमा करा लिए थे। कई लोगों की गवाही भी हुई और आखिरकार तीनों को सजा सुना दी गई।
सरकारी वकील सौमित्र सिन्हा ने बताया है कि तीनों बाग्लादेशियों के खिलाफ फॉरेनर्स एक्ट में मामला दर्ज हुआ था और पुलिस द्वारा दायर चार्जशीट के आधार पर तीनों दोषी करार दिए गए हैं। उसके बाद सेकंड कोर्ट की जज शíमष्ठा घोष ने तीनों को दो साल की सजा सुनाई है साथ ही तीन हजार रुपये का जुर्माना भी सभी पर लगाया गया है।