जम्मू-कश्मीर के विकास और कनेक्टिविटी को नया आयाम देने वाले ऐतिहासिक दिन में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियासी जिले में स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल पुल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने भारत के पहले केबल स्टे अंजी पुल का भी लोकार्पण किया और कटरा से श्रीनगर तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए ₹46,000 करोड़ से अधिक की अधोसंरचना परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें सड़कें, फ्लाईओवर और श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस (₹350 करोड़ की लागत से बनने वाला रियासी का पहला मेडिकल कॉलेज) शामिल है।
Hon’ble PM Shri @narendramodi will dedicate the Udhampur–Srinagar–Baramula Rail Link Project to the Nation, inaugurate key infrastructure projects, & flag off 2 #VandeBharatExpress trains, marking a new era of seamless connectivity & development.#ChenabBridgepic.twitter.com/uEenvHAKX8
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) June 6, 2025
चिनाब ब्रिज: एक अभियांत्रिकी चमत्कार
चिनाब नदी के ऊपर 359 मीटर की ऊंचाई पर बना यह रेल पुल एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है।
पुल की लंबाई 1,315 मीटर है और इसे 260 किमी/घंटा की तेज़ हवाओं और भूकंप झेलने लायक बनाया गया है।
इस पुल के निर्माण में 1,400 करोड़ रुपये की लागत आई है और इसे अफकॉन्स, दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन और VSL इंडिया ने मिलकर बनाया है।
यह पुल कटरा से श्रीनगर की यात्रा समय को महज 3 घंटे में सिमट देगा।
अंजी पुल: भारत का पहला केबल-स्टे रेल ब्रिज
यह पुल 473 मीटर लंबा है, जिसमें 331 मीटर का एक पायलन है जिसे 96 स्टील केबल्स सहारा दे रहे हैं।
पुल को अत्यधिक जटिल पहाड़ी भूभाग और भूकंप संभावित क्षेत्र को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
USBRL परियोजना: कश्मीर को देश से जोड़ने वाली जीवनरेखा
उधमपुर-स्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना पर कुल ₹43,780 करोड़ की लागत आ चुकी है।
इस परियोजना में कुल 272 किलोमीटर की दूरी पर 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं, जो कश्मीर को साल भर रेल संपर्क में रखेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पुल सिर्फ इंजीनियरिंग की जीत नहीं, बल्कि नए भारत की संकल्पशक्ति का प्रतीक है। उन्होंने परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीशियनों और मज़दूरों की सराहना की।
सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
जम्मू-कश्मीर के विकास और कनेक्टिविटी को नया आयाम देने वाले ऐतिहासिक दिन में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियासी जिले में स्थित दुनिया के सबसे ऊंचे चिनाब रेल पुल का उद्घाटन किया। इसके साथ ही पीएम मोदी ने भारत के पहले केबल स्टे अंजी पुल का भी लोकार्पण किया और कटरा से श्रीनगर तक चलने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने राज्य के लिए ₹46,000 करोड़ से अधिक की अधोसंरचना परियोजनाओं की आधारशिला रखी, जिसमें सड़कें, फ्लाईओवर और श्री माता वैष्णो देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस (₹350 करोड़ की लागत से बनने वाला रियासी का पहला मेडिकल कॉलेज) शामिल है।
Hon’ble PM Shri @narendramodi will dedicate the Udhampur–Srinagar–Baramula Rail Link Project to the Nation, inaugurate key infrastructure projects, & flag off 2 #VandeBharatExpress trains, marking a new era of seamless connectivity & development.#ChenabBridgepic.twitter.com/uEenvHAKX8
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) June 6, 2025
चिनाब ब्रिज: एक अभियांत्रिकी चमत्कार
चिनाब नदी के ऊपर 359 मीटर की ऊंचाई पर बना यह रेल पुल एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है।
पुल की लंबाई 1,315 मीटर है और इसे 260 किमी/घंटा की तेज़ हवाओं और भूकंप झेलने लायक बनाया गया है।
इस पुल के निर्माण में 1,400 करोड़ रुपये की लागत आई है और इसे अफकॉन्स, दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन और VSL इंडिया ने मिलकर बनाया है।
यह पुल कटरा से श्रीनगर की यात्रा समय को महज 3 घंटे में सिमट देगा।
अंजी पुल: भारत का पहला केबल-स्टे रेल ब्रिज
यह पुल 473 मीटर लंबा है, जिसमें 331 मीटर का एक पायलन है जिसे 96 स्टील केबल्स सहारा दे रहे हैं।
पुल को अत्यधिक जटिल पहाड़ी भूभाग और भूकंप संभावित क्षेत्र को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।
USBRL परियोजना: कश्मीर को देश से जोड़ने वाली जीवनरेखा
उधमपुर-स्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना पर कुल ₹43,780 करोड़ की लागत आ चुकी है।
इस परियोजना में कुल 272 किलोमीटर की दूरी पर 36 सुरंगें और 943 पुल शामिल हैं, जो कश्मीर को साल भर रेल संपर्क में रखेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पुल सिर्फ इंजीनियरिंग की जीत नहीं, बल्कि नए भारत की संकल्पशक्ति का प्रतीक है। उन्होंने परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों, तकनीशियनों और मज़दूरों की सराहना की।
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