सारस न्यूज, किशनगंज।
शुक्रवार को आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में रोग मुक्त भारत अभियान के तहत एसएसबी 19 वीं वाहिनी ठाकुरगंज मुख्यालय में एक दिवसीय प्राकृतिक चिकित्सा कार्यक्रम का किया गया। आयुष मंत्रालय के निर्देशानुसार एसएसबी द्वारा आयोजित उक्त कार्यक्रम की शुरुआत बटालियन के कार्यवाहक कमांडेंट जयप्रकाश ने की। इस मौके पर समाधान कायाकल्प केन्द्र, पिपरीथान (ठाकुरगंज ) के निदेशक व प्राकृतिक चिकित्सक डॉ मंडेला सरजू एवं ग्रीनवूडस सेंटर फॉर हेल्थकेयर और रेहेबिलीटेशन (सिलीगुड़ी ) के डॉ नीलम सरजू ने कार्यक्रम में मौजुद एसएसबी अधिकारी व जवानों को प्राकृतिक चिकित्सा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
प्राकृतिक चिकित्सक डॉ मंडेला सरजू ने पंचतत्वों के माध्यम से रोगों की चिकित्सा व उपचार की सहज विधि से योग व प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा स्वस्थ बने रहने का सूत्र बताया। उन्होंने जीवन शैली में प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने के लिए विशेष मार्गदर्शन भी दिया। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा के अन्तर्गत अनेक पद्धतियां हैं जैसे – जल चिकित्सा, होमियोपैथी, सूर्य चिकित्सा, एक्यूपंक्चर, एक्यूप्रेशर, मृदा चिकित्सा आदि।प्राकृतिक चिकित्सा प्रणाली चिकित्सा की एक रचनात्मक विधि है, जिसका लक्ष्य प्रकृति में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध तत्त्वों के उचित इस्तेमाल द्वारा रोग का मूल कारण समाप्त करना है।
इस प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति में प्राकृतिक भोजन, ताजे फल तथा कच्ची व हलकी पकी सब्जियाँ विभिन्न बीमारियों के इलाज में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। प्राकृतिक चिकित्सा निर्धन व्यक्तियों एवं गरीब देशों के लिए वरदान है। इस चिकित्सा से दबे रोग भी उभर कर ठीक हो जाते है तथा शारीरिक, मानसिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक चारों पक्षों की चिकित्सा एक साथ की जाती है। विशिष्ट अवस्थाओं का इलाज करने के स्थान पर प्राकृतिक चिकित्सा पूरे शरीर की चिकित्सा एक साथ करती है। प्राकृतिक चिकित्सा में औषधियों का प्रयोग नहीं होता। प्राकृतिक चिकित्सा के अनुसार आहार ही औषधि है।
इस अवसर पर सशस्त्र सीमा बल के निरीक्षक स्वरूप चंद, उपनिरीक्षक दिनकर कुमार मिश्र, उपनिरीक्षक नरेश कुमार, मुख्य आरक्षी भल्लव कुमार, महिला आरक्षी गुंजन, शीला, सरस्वती, मनीषा आदि के साथ अन्य जवान भी मौजूद रहे।