बीरबल महतो, सारस न्यूज़, ठाकुरगंज।
देश के आन-बान और शान के लिए देश के जाबांज सैनिकों ने कारिगल युद्ध में दुश्मनों को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था। 26 जुलाई 1999 को भारतीय सैनिकों ने आपरेशन विजय को सफलतापूर्वक अंजाम देने में सफल रहे थे। यह बातें सोमवार को पूर्व सैनिक संघ के जिलाध्यक्ष सूबेदार मेजर मदन कुमार सिंहा ने रेडक्रास स्थित सैनिक संघ कार्यालय परिसर में शहीद सैनिकों को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि कारगिल युद्ध को कारगिल संघर्ष के नाम से भी जाना जाता है। भारत-पाकिस्तान के बीच 1999 के मई महीना में कश्मीर के कारगिल क्षेत्र से युद्ध शुरु हुए थे। दो महीने से ज्यादा समय तक चले इस युद्ध में 527 से अधिक सैनिक शहीद और तेरह सौ से ज्यादा घायल हुए थे। कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों ने हंसते-हंसते अपना जीवन देश के नाम कर दिया। जब कभी भी देश के ऊपर युद्ध की बात मंडराएंगे सेवा निवृत सैनिक पुन: देश की रक्षा के लिए रणभूमि में उतरने से पीछे नही हटेंगे। सेवा निवृत सैनिकों का शेष बचा जीवन भी देश के नाम है। इस दौरान मुख्य रूप से सेवा निवृत सैनिक अताउर रहमान, सुकुमार राय, हारुण रशीद, संजीव सिंह, गुफरान आलम, कुमार बलबीर, जबीर आलम, अफरोज दाना, धनेश्वर साहा, चितरंजन शर्मा, प्रमोद सिंह, हबीबुर रहमान और विश्वजीत सहित कई अन्य सैनिक मौजूद थे।
