किशनगंज जिले का ठाकुरगंज 12 वार्डों में विभाजित एक शहरी अधिसूचित क्षेत्र तथा 22 ग्राम पंचायतों का एक प्रखंड है।प्रखंड की पश्चिमी दिशा में नेपाल की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवस्थित है तो उत्तर व पूर्व दिशा में पश्चिम बंगाल राज्य की सीमा को छूता है।तमाम पात्रताओं के बावजूद करीब 4 लाख आबादी वाले प्रखंड के लोगों को आजादी के 73 वर्षों के बाद भी अनुमंडल का दर्जा न मिलना सीमांचल के इस अति पिछड़े क्षेत्र के विकास में एक बड़ा अवरोधक बन कर खड़ा हैं।उक्त बातें जनसंघर्ष मोर्चा के संयोजक सिकंदर पटेल ने प्रेस को बताते हुए कहा कि जबकि ठाकुरगंज को अनुमंडल का दर्जा मिलने की सारी अहर्ताएं यथा- प्रखंड की सीमा अंतरराष्ट्रीय व राज्य की सीमा से सटे होना, क्षेत्रफल, आबादी, प्रखंड में तीन-तीन रेलवे स्टेशन, एक राष्ट्रीय राजमार्ग आदि सहित अन्य कई खूबियां मौजूद हैं। ठाकुरगंज में एक बड़े सर्किल थाना के अलावा एसएसबी मुख्यालय, दो कस्टम कार्यालय,नेपाल सीमा पर दो ट्रांजिट पॉइंट सहित सुरक्षा एजेंसियों के कार्यालय भी हैं। सारी पात्रता होने के बावजूद क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण ठाकुरगंज अब तक अनुमंडल का दर्जा पाने से वंचित हैं।साल-दर-साल बीतते जा रहे है परंतु हम ठाकुरगंज को अनुमंडल बनने की अब भी बाट जोह रहे हैं।उन्होंने कहा कि ठाकुरगंज को अनुमंडल का दर्जा पा के लिए लॉकडाउन के बाद जनसंघर्ष मोर्चा चरणबद्ध तरीके से आंदोलन करेगी।उन्होंने कहा कि ठाकुरगंज अपनी भौगोलिक विशेषताओं के कारण शिक्षा व औद्योगिक क्षेत्र (हब) बनने की तमाम संभावनाएं रखता हैं।ठाकुरगंज में नगर निकाय,आदर्श थाना, प्रखंड, अंचल, आईटीआई,राजकीय पॉलिटेक्निक, रजिस्ट्री कार्यालय, सब डिवीजन विद्युत कार्यालय,रेलवे स्टेशन है।उन्होंने कहा कि ठाकुरगंज के अनुमंडल बनने से ठाकुरगंज का चौमुखी विकास ही नहीं होगा एक अंतर्राष्ट्रीय बाजार के रुप में ठाकुरगंज की पहचान बनेगी, क्योंकि ठाकुरगंज का केवल रेल लाइन हीं नहीं अपना एसटीडी कोर्ड है जो ठाकुरगंज को अनुमंडल बनाने के दावा को मजबूत करती है।उन्होंने कहा कि जिला व अनुमंडल मुख्यालय, किशनगंज से ठाकुरगंज 50 किमी की दूरी पर है।प्रत्येक दिन सैकड़ों ठाकुरगंजवासियों को कोर्ट कचहरी के कार्यों से 50 किमी दूरी तय कर किशनगंज जाना पड़ता है। जिससे लोगों को काफी परेशानियों से दो चार होना पड़ता है। अगर ठाकुरगंज को अनुमंडल बना दिया जाए तो सैकड़ों लोगों को परेशानी से मुक्ति तो मिलेगी ही साथ ही कोर्ट-कचहरी ठाकुरगंज में होने से सैकड़ों लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा।उन्होंने बताया कि अब अनुमंडल का दर्जा प्राप्त करने के लिए ठाकुरगंज जन संघर्ष मोर्चा के बैनर तले आंदोलन को तेेज किया जाएगा।
(बीरबल महतो, ठाकुरगंज.कॉम के लिए)