चन्दन मंडल, सारस न्यूज़, बंगाल।
खोरीबाड़ी :- खोरीबाड़ी प्रखंड के बिन्नाबाड़ी पंचायत अंतर्गत डांगुजोत गांव के ग्रामीणों ने डांगुजोत प्राइमरी स्कूल को अपग्रेड कर हाई स्कूल करने की मांग की है। ग्रामीणों ने कहा प्राइमरी स्कूल को हाई स्कूल का दर्जा देने के लिए किसी भी नेता का ध्यान ही नहीं है। इससे गांव के बच्चों को आगे की पढ़ाई में काफी दिक्कतों का सामान करना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने कहा डांगुजोत प्राइमरी स्कूल 1984 से है और अभी तक बच्चों की पढ़ाई के लिए 4-5 तक कक्षा ही उपलब्ध है। इसे हाई स्कूल का दर्जा तो दूर आठवीं कक्षा तक भी दर्जा नहीं मिला है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां हर चुनाव में वोट मांगने आते हैं और बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। कहते हैं कि इस बार चुनाव में आपलोग ग्रामवासी हमें विजय बनाए और हम विजय हो गए तो गांव की सारी समस्या दूर कर देंगे। दूर करने के साथ-साथ वादे जैसी बात भी करते हैं, लेकिन चुनाव होने के बाद कोई भी समस्या हल करने को दूर नेताओं तक के दर्शन नहीं होते हैं। जो यहां के लोग इस हाई स्कूल वाली समस्या नेता को बतावें, लेकिन सवाल यहां ये उठता है कि नेताओं के दर्शन होंगे कब या फिर होंगे भी नहीं, आखिर यहां के लोग कबतक नेताओं के आस में रहेंगे और कबतक डांगुजोत प्राइमरी स्कूल को हाई स्कूल का दर्जा के लिए नेताओं से मांग करेंगे।
डांगुजोत निवासी अरविंद कुमार यादव, शिबू साह, शंभु साह, अर्जुन साह आदि ने बताया कि गांव में हाई स्कूल नहीं है और यहां से खोरीबाड़ी हाई स्कूल 10-12 किलोमीटर दूर है। जिसके कारण यहां के छात्र – छात्राओं को चौथी कक्षा के बाद आगे की पढ़ाई के लिए बिहार के स्कूल जाना पड़ता है। इससे विद्यार्थियों को काफी परेशानी होती है। कई छात्रों की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं होने से वे आगे की पढ़ाई जारी नहीं रख पाते हैं। वहीं अभिभावक लड़की को घर से इतनी दूर स्कूल नहीं भेजते हैं। इन वजह से गांव की अधिकतर लड़कियां चौथी कक्षा से आगे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि डांगुजोत प्राइमरी स्कूल को जल्द से जल्द हाई स्कूल का दर्जा दिया जाए ताकि क्षेत्र के बच्चों के भविष्य के मद्देनजर गांव के स्कूल बच्चों के पढ़ाई सुचारू रहे। इस संबंध में डांगुजोत प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापक सुरेंद्र बैठा ने कहा कि डांगुजोत से खोरीबाड़ी हाई स्कूल 12 किलोमीटर दूर है। यहां के बच्चों को खोरीबाड़ी हाई स्कूल जाने में दो या तीन सवारी करनी पड़ती है । इस कारण अधिकांश गांव के बच्चे आगे की पढ़ाई कर नहीं पाते हैं और कुछ बच्चें आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए डांगुजोत से नजदीक बिहार के स्कूल में चले जाते हैं। लेकिन बंगाल और बिहार का सिस्टम अलग होने के कारण तालमेल नहीं बैठ पाता है। यदि डांगुजोत प्राइमरी स्कूल को हाई स्कूल का मान्यता प्राप्त हो जाये तो गांव के बच्चों को भला होगा । फिलहाल प्रशासन ने डांगुजोत प्राइमरी स्कूल को पांचवी कक्षा तक कर दिया है।