बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिला में वायरल बुखार के बढ़ते मामलों को देखकर स्वास्थ्य विभाग ने पीड़ित बच्चों की सर्विलांस व निगरानी पर फोकस किया है। विभाग ने जिले के सभी डॉक्टरों, निजी व सरकारी अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया है कि अगर वायरल बुखार से पीड़ित किसी बच्चे का इलाज किया जाता है या कोई बच्चा भर्ती होता है इसकी सूचना तत्काल विभाग को दें।
यह जानकारी मंगलवार को सिविल सर्जन डा. श्रीनंदन ने दी। सिविल सर्जन ने बताया कि तापमान में अंतर होने पर बच्चों की सेहत पर अधिक असर होता है और संक्रामक रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इस मौसम में डायरिया व डिहाइड्रेशन की समस्या बच्चों में अधिक होती है। अस्पताल में ही पूरा इलाज उपलब्ध हो रहा है। किसी भी प्रकार के बुखार संबंधी जटिलताओं के लक्षण की पहचान कर उसका ससमय प्रबंधन बच्चों को सुरक्षित रखने में सहायक होता है। सदर अस्पताल में वायरल बुखार से ग्रसित बच्चों के लिए स्पेशल वार्ड बनाया गया है। इसके लिए 40 बेड पूरी तरह से वातानुकूलित एवं पाइपलाइन आक्सीजन युक्त है। इसके अलावा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी ऐसे बुखार से ग्रसित बच्चों के तत्काल उपचार की व्यवस्था की गयी है। स्वास्थ्य सुविधा को सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने को जिले के सातों प्रखंडों के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। पीएचसी में कम से कम 10 बच्चों वाला बेड तथा आवश्यक सुविधा उपलब्ध करने का दिशा निर्देश दिया गया है। बच्चा वार्ड का निर्माण चाइल्ड फ्रैंडली डेडिकेटड पेडिएट्रिक वार्ड की तर्ज पर कराया गया है, जिसमें इंटेंसिव केयर यूनिट की भी व्यवस्था रहेगी। दो से पांच वर्ष तक के बच्चों के उपचार के लिए आवश्यक चिकित्सीय सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सदर अस्पताल में एसएनसीयू भी कार्यरत है। जहां शून्य से लेकर दो माह के नवजात शिशु की गंभीर स्थिति में इलाज किया जाता है। यदि किसी कारणवश बच्चों को तेज बुखार, बदन में सुस्ती का अनुभव, सांस लेने में परेशानी, सांस बहुत तेज चलना, लगातार सर्दी का बना रहना और सांस लेने में आवाज सुनाई दे तो ये वायरल बुखार के लक्षण हो सकते हैं। वायरल बुखार से ग्रसित होने पर गले में दर्द रहना और मुंह में छालों की भी समस्या देखी जा रही है। इन लक्षणों के नजर आते ही तुरंत चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी होता है।