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19 महीनों बाद भारत प्रशासन द्वारा पैदल यात्रियों का किया गया आवागमन शुरू

Oct 28, 2021

चन्दन मंडल, सारस न्यूज़, बंगाल।

कोरोना वायरस के कारण लंबे समय से बंद पड़ी भारत -नेपाल के गलगलिया-भद्रपुर अंतराष्ट्रीय बॉर्डर से कोरोना नियमों का पालन व जरूरी दस्तावेजों के साथ गुरुवार को भारत प्रशासन द्वारा पैदल यात्रियों का आवागमन सुचारू कर दिया गया है। करीब 19 महीने बाद भारत-नेपाल के गलगलिया -भद्रपुर सीमा से यात्रियों के लिए आवागमन सुचारू किया गया है। बताते चलें कि नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा कोरोना को लेकर सीमा को बंद कर रखा था। जिसको लेकर नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र के लोगों द्वारा आंदोलन भी किया गया, लेकिन इसका कोई असर नेपाल सरकार पर नहीं दिखा। परंतु नेपाल में सरकार बदलते ही लोगों को सीमा खुलने की आस जगी थी और कांग्रेस के शेरबहादुर देऊवा की चंद महीने बनी सरकार ने पैदल यात्रियों के लिए नेपाल के द्वार खोल दिया।

नेपाल में सरकार बदलने के साथ ही सीमा खोलने की सुगबुगाहट हो गयी थी शुरू

मुख्य सीमा के खुलने की सूचना से लोगों में खुशी छा गयी। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि सीमा होकर आवागमन सुचारू होने की खबर से लोगों को चेहरे पर खुली हवा में सांस लेने जैसा था। क्योंकि भारत सीमा बंद रहने के कारण लोगों को अन्य चोरी छिपे रास्ते होकर आना जाना पड़ता था जिस कारण नेपाल पुलिस के कोपभाजन भी होता था। लेकिन मुख्य सीमा होकर अवागमन के सुचारू होने की सूचना से लोगों ने अब राहत की सांस ली है।

नेपाल जाने के लिए लोगों के पास आरटीपीसीआर रिपोर्ट या दूसरा डोज का रिपोर्ट आवश्यक

एसएसबी की अधिकारी सूत्रों ने बताया कि नेपाल में प्रवेश करने वाले लोगों के पास आरटीपीसीआर या कोविड-19 के टीकाकरण का दूसरा डोज की पहचान पत्र होना अनिवार्य है। इन दोनों में किसी एक का भी रिपोर्ट होने से उन्हें नेपाल जाने की अनुमति दे दिया जाएगा। सूत्रों ने कहा बॉर्डर आंशिक रूप से सामान होने से दोनों देशों के लोग काफी उत्साहित हैं। गुरुवार को सैकड़ों भारतीय नागरिक पैदल नेपाल गए, वहीं नेपाल से भी लोग भारत आये। सीमा पर आवागमन बहाल होने से दोनों देशों के स्थानीय लोगों, व्यवसाइयों, दुकानदारों टोटो चालकों आदि में खुशी व्याप्त है । हालांकि सीमा पर किसी भी यात्री वाहन, बाइक बाधित है ।

सीमावर्ती इलाके के दुकानदारों के खुशी से खिल उठे चेहरे

भारत और नेपाल के सीमाई इलाके में बसे गांवों के लोग रोजमर्रा की जरूरतों के लिए पडोसी देश के बाजारों पर निर्भर रहते हैं। भारत में कोरोना वायरस के दस्तक देने के साथ ही दोनों देश के बीच की सीमा को सील कर दिया गया था। इससे आवाजाही पूरी तरह से बंद थी। गुरुवार को सीमा खुलने से बडी संख्‍या में नेपाली नागरिक भारतीय बाजारों में खरीदारी करने पहुंचे । जिससे दुकानदारों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं।

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