बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
शुक्रवार को कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित होने वाला दो दिवसीय रास महोत्सव प्रखंड के झाला व गलगलियागच्छ में 24 घंटे का अष्टयाम संकीर्तन के बाद हवन पूर्णाहुति के साथ धूमधाम से संपन्न हो गया। इस मौके पर राधा कृष्ण की प्रतिमा को रास पर झुलाया गया। इस दौरान भारी संख्या में भक्त जमा हुए और पूजा अर्चना किया। रास पर राधा कृष्ण की प्रतिमा के अलावे बजरंगबली, माता चानेश्वरी, बूढ़ी माता एवं गौर निताई महाप्रभु की प्रतिमा अलग अलग मन्दिरो में स्थापित की गई। पुरोहित आचार्य उद्यानंद झा द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ भगवान की प्रतिमाओं का प्राण प्रतिष्ठा किया गया। वही कुकुरबाघी पंचायत के गलगलियागच्छ में स्थानीय राजवंशी रीति रिवाज के साथ पूजा आरम्भ की गई। पूर्व मुखिया सह मन्दिर कमिटी के सदस्य रविन्द्र चंद्र सिंह ने बताया कि प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी रास महोत्सव आरम्भ हुआ है। दो दिवसीय महोत्सव में अष्टयाम के बात पचाली गीत का आयोजन किया जाएगा। झाला मन्दिर कमिटी के नंद कुमार झा ने बताया कि लगभग सौ वर्षों से भी अधिक समय से रास महोत्सव का आयोजन किया जाता है। आसपास के अलावे नेपाल व बंगाल के भक्त इस महोत्सव में पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं। लोग जो भी मन्नत मांगते है वो यहां पूरी होती है। कोविड गाइडलाइन का विशेष खयाल रखा गया है। वही पूजा में भक्तो की भारी भीड़ ने अष्टयाम संकीर्तन को और भी भक्तिमय बना दिया। समापन के मौके पर बाहर से आये कीर्तन मंडली ने ऐसा समा बांधा कि श्रद्धालु भक्ति रस में डूब गए।