बीरबल महतो, सारस न्यूज़, किशनगंज।
शुक्रवार को नगर स्थित प्लस टू प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय ठाकुरगंज के प्रांगण में देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की 137 वीं जयंती समारोह पूर्वक मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि नपं अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी ने उनके तैलीय चित्र में माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इस मौके पर नपं अध्यक्ष प्रमोद कुमार चौधरी ने कहा कि देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद इन स्वतंत्रता सेनानियों में अग्रगण्य थे, जो गांधीजी जी की नीतियों, नेतृत्व और अहिंसात्मक आंदोलन में विश्वास रखते थे। गांधी जी ने अपने तीन सहयोगियों को राष्ट्रीय आंदोलन में महत्वपूर्ण कार्यभार सौंपा था- एक जवाहरलाल नेहरू जो युवा जोश का प्रतिनिधित्व करते थे, दूसरे सरदार पटेल जो लौह दृढ़ता वाले व्यवहारिक नेता थे और तीसरे डॉ राजेंद्र प्रसाद जो ऐसा नेता थे जिनमें गांधीजी उन्हें अपनी छवि मानते व दिखाई देते थे। सहज व सरल स्वभाव के धनी डॉ राजेंद्र प्रसाद स्वतंत्रता संग्राम के मौन मागदर्शक थे। सन 1962 में अवकाश प्राप्त करने पर राष्ट्र ने उन्हें भारत रत्न की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित किया। यह उस भूमिपुत्र के लिये कृतज्ञता का प्रतीक था जिसने अपनी आत्मा की आवाज़ सुनकर आधी शताब्दी तक अपनी मातृभूमि की सेवा की थी। वास्तव में उन्होंने सहिष्णुता की भावना को आत्मसात किया था और हर धर्म हर विचारधारा के प्रति सम्मान जाहिर किया था। हमें भी उनके पदचिन्हों पर चल राष्ट्र के निर्माण में अहम योगदान करना चाहिए। विद्यालय के प्रधानाध्यापक महफूज जावेद ने कहा कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद अपने जीवन के आख़िरी महीने बिताने के लिये उन्होंने पटना के निकट सदाकत आश्रम चुना। यहाँ पर 28 फ़रवरी 1963 में उनके जीवन की कहानी समाप्त हुई। हम सभी को इन पर गर्व है और ये सदा राष्ट्र को प्रेरणा देते रहेंगे। इस अवसर पर मधु श्रद्धा, अजय कुमार, सुनील कुमार, पूर्णिमा कुमारी, कृष्णा विश्वास, देवानंद झा, छविरानी दास सहित विद्यालय की छात्राएं मौजूद थी।