सारस न्यूज़ टीम, सारस न्यूज़।
युवा मामले और खेल मंत्रालय सक्षम खिलाड़ियों के समान ही पैरा एथलीटों का सहयोग करता है। पैरा स्पोर्ट्स के लिए भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) जो राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) से मान्यता प्राप्त है वह राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) को सहायता योजना के तहत कोचिंग शिविर, बहुमुखी प्रतिस्पर्धी बनाने, राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन, उपकरणों की खरीद आदि के लिए वित्तीय सहायता देती है। पैरा स्पोर्ट्स को “प्राथमिकता” श्रेणी में रखा गया है ताकि पैरा एथलीटों को अधिकतम स्वीकार्य सहायता प्रदान की जा सके। इसके अलावा लक्षित ओलंपिक पोडियम योजना (टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम) के तहत विशिष्ट पैरा एथलीटों को उनके हिसाब से प्रशिक्षण देने के लिए सहयोग दिया जा रहा है।
पैरा एथलीटों को भी “पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय कल्याण कोष” योजना के तहत सामान्य एथलीटों के समान वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
पैरालिंपिक और पैरा एशियाई खेलों के पदक विजेताओं को भी सक्रिय खेलों से सेवानिवृत्ति या 30 वर्ष की आयु, जो भी बाद में हो मासिक आधार पर आजीवन पेंशन दी जाती है।
सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (एमपीएलएडीएस) के दिशानिर्देश में दिव्यांग व्यक्तियों (जिसमें पैरा खिलाड़ी भी शामिल हैं) के कल्याण के लिए सहायता प्रदान की जाती है और ऐसी सहायता केवल ट्राइसाइकिल (मैनुअल/बैटरी संचालित/मोटर चालित), पात्र विकलांग व्यक्तियों के लिए मोटर चालित/बैटरी चालित व्हीलचेयर और कृत्रिम अंग की खरीद के लिए दी जाती है।
युवा मामले और खेल मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने 14 दिसंबर, 2021 को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।