शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज सांसद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा है। बीते दिन 18 से 20 अक्टूबर को किशनगंज सहित सीमाँचल के क्षेत्रों में तेज हवाओं के साथ लगातर बारिश हुई है, जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। हवाओ के साथ बारिश ने किसानों के धान कि खेती को काफी छतिग्रस्त किया है। बाढ़ जैसे हालत में निचले इलाकों कि खेती पूरी तरह बर्बाद हो गई है।
किशनगंज सांसद डॉ जावेद आजाद ने किशनगंज और पूर्णिया के जिला प्रशासन में बाढ़ की क्षतिपूर्ति और मुआवजा सर्वेक्षण करने की देरी करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर कहा कि – किसानों की फसलों की क्षतिपूर्ति को लेकर किसान परेशान हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों इसमें उदासीनता बरत रही है। विभागीय कर्मी सर्वेक्षण करने में देरी कर रहे हैं और मुआवजा को लेकर उदासीनता बरत रहे हैं।
वही छोटे और बिना खेत वाले किसानों के लिए किशनगंज सांसद के निजी सहायक एहसान हसन ने सरकार से विशेष सूची बनाकर विशेष सर्वे की मांग किया हैं। उनका कहना है कि देखा जाए तो जहाँ विभाग की बात आती है तो वही से कागजी प्रकिया शुरू हो जाता है लेकिन इस कागजी प्रकिया में वैसे किसान फस जाते है जिनके पास अपनी खेत नही ऐसे किसान किसी की खेत को ऐसे ही मौखिक रूप से आधी के हिसाब से खेती करते है जिनके पास कोई कागज नही होता है लेकिन ऐसे किसानों का फसल तो बर्बाद हो जाता है लेकिन कागजी प्रकिया के कारण ऐसे किसान औऱ भी बर्बाद हो जाते है जरूरत है सरकार को ऐसे किसानों की विशेष सूची तैयार कर एक विशेष सर्वे का ताकि किसानों का उनका सही हक मिल सके।